डेली संवाद, चंडीगढ़। World Hepatitis Day: आज पूरी दुनिया में विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। यह दशकों पुरानी बीमारी है और फिर भी हर साल इसके लाखों मामले सामने आते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है, लेकिन यह अभी भी काफी घातक है।
इस बीमारी के कारण लीवर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो सकता है। कैंसर का भी खतरा रहता है। यहां बड़ा सवाल ये है कि वैक्सीन होने के बावजूद ये बीमारी इतनी खतरनाक क्यों है? इस सवाल का जवाब जानने से पहले आइए जानते हैं कि हेपेटाइटिस क्या है और यह कब होता है। हेपेटाइटिस लीवर की एक बीमारी है। इसकी शुरुआत लीवर की हल्की सूजन से होती है। यह रोग वायरस या लीवर की क्षति के कारण होता है।
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इस बीमारी की शुरुआत वायरल हेपेटाइटिस से होती है। यह इसका सबसे सामान्य प्रकार है। यह कई वायरस के कारण होता है। हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार के होते हैं A, B, C, D और E। इनमें हेपेटाइटिस बी और सी ज्यादा खतरनाक हैं। इनमें मृत्यु दर भी अधिक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हेपेटाइटिस का समय पर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है।
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यह रोग कई प्रकार का होता है। शराब के अधिक सेवन से उन्हें हेपेटाइटिस हो जाता है। इनमें ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस बहुत खतरनाक है। यह एक दीर्घकालिक बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लीवर पर हमला करती है। हेपेटाइटिस की बीमारी लीवर को पूरी तरह से खराब कर सकती है। कुछ मामलों में, लिवर ख़राब होने की स्थिति में यह लिवर कैंसर का कारण भी बन सकता है।