डेली संवाद, चिंतपूर्णी। Mata Chintpurni Ji: हिमाचल प्रदेश के कण में देवियों का वास है। यहां उत्तरी भारत का सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ मंदिर भी है। अभी तक यहां श्रद्धालु लाइन में लगकर श्रद्धा से मां के दरबार में जाकर आशीर्वाद प्राप्त करते थे, लेकिन अब मंदिर प्रबंधक नया नियम लगा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक माता श्री चिंतपूर्णी में अब साऊथ के मंदिरों की तर्ज पर वीआईपी (VIP) दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को 1100 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा, जिसकी आधिकारिक पुष्टि विवेक महाजन ने की है। हालांकि इस फैसले पर मोहर ट्रस्ट की बैठक में बीते माह ही लग गई थी।
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वीआईपी दर्शन प्रणाली को लेकर श्रद्धालुओं से वसूले जाने वाले शुल्क को 4 हिस्सों में बांटा गया है। देश के प्रमुख पदों पर आसीन रहे गण्यमान्य के लिए यह सेवा मुफ्त रहेगी, वहीं मंदिर कर्मचारियों को भी इस योजना में शुल्क देना होगा। 1100 रुपए देकर 5 श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी भर सकेंगे, वहीं दिव्यांगों के लिए कोई शुल्क नहीं रखा गया है। दिव्यांग संग मंदिर जाने वाले अटैंडैंट से 50 रुपए शुल्क तय किया गया है।
इसी क्रम में सीनियर सिटीजन व गंभीर बीमारियों से ग्रस्त भी इस सुविधा का मुफ्त लाभ ले सकेंगे। इन सुविधाओं का लाभ लेने वाले श्रद्धालुओं को अपने आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज पास काऊंटर पर दिखाने के बाद पास सैंक्शन होगा। इसके बाद श्रद्धालु दर्शनों को जा पाएंगे।उधर, इस संबंध में मंदिर आयुक्त एवं डी.सी. ऊना राघव शर्मा ने बताया कि सुगम दर्शन प्रणाली को मंदिर न्यास चिंतपूर्णी में लागू किया गया है।
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दिव्यांग, सीनियर सिटीजन, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के अटैंडैंट से वसूला जाने वाला शुल्क भी इन श्रद्धालुओं पर ही खर्च किया जाएगा। इन श्रद्धालुओं को मंदिर लिफ्ट तक पहुंचाने के लिए मंदिर न्यास द्वारा गोल्फ कार्ट ई व्हीकल लगाए गए हैं जो श्रद्धालुओं को आवाजाही मुफ्त में करवाएंगे। वी.आई.पी. श्रद्धालु परिवार को भी उक्त गाड़ी में ही मंदिर दर्शनों के लिए भेजा जाएगा।
एस.डी.एम. ने बताया कि लाइनों में लगे श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिए किसी तरीके की कोई असुविधा न हो उसके लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा। रोजाना 500 वी.आई.पी. पास ही अलॉट होंगे जिसमें 2500 के करीब श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिए भेजा जाएगा वहीं अन्य कैटेगरी दिव्यांग बुजुर्गों के लिए कोई लिमिट नहीं रखी गई है।