डेली संवाद, नई दिल्ली। Delhi Services Bill: संसद के दोनो सदनों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने दिल्ली सेवा विधेयक (Delhi Services Bill) को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 19 मई को जारी अध्यादेश अब कानून बन गया है। पहले दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, अब संशोधित कानून को चुनौती देगी।
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दिल्ली सेवा विधेयक संसद के मानसून सत्र में पेश किया गया था। यह बिल 3 अगस्त को लोकसभा में पास हो गया था। लोकसभा में बहुमत होने के कारण केंद्र को इस बिल को पारित कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई, वहीं राज्यसभा में कम संख्या के कारण सरकार के सामने इसे पारित कराने की चुनौती थी, लेकिन वहां भी सरकार को सफलता मिली। 7 अगस्त को ये बिल उच्च सदन से भी पास हो गया।
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राज्यसभा में बिल के पक्ष में 131 वोट पड़े, जबकि 102 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट किया। आम आदमी पार्टी की अपील पर इंडिया अलायंस में शामिल सभी पार्टियों ने बिल के विरोध में वोट किया। कांग्रेस ने भी बिल के विरोध में वोट किया। हालांकि, गठबंधन के सदस्य RLD नेता जयंत चौधरी मतदान से अनुपस्थित रहे।