डेली संवाद, जालंधर/लुधियाना/नोएडा। GST Bogus Billing: जालंधर, लुधियाना से मंडी गोबिंदगढ़ होते हुए नोएडा तक पहुंची 14,000 करोड़ की बोगस बिलिंग मामले में लुधियाना के चार्टेड एकाउंटेंट के बाद अब जालंधर के कुछ स्क्रैप कारोबारियों को यूपी एसटीएफ समेत सैंट्रल जीएसटी टीम तलाश कर रही है। इसके साथ ही चार उन कारोबारियों से पूछताछ हो सकती है, जिन्हें इसी साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। इसमें दो लोग जेल में है, जबकि दो लोग जमानत पर आकर फिर से काम शुरू कर दिया।
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जालंधर के जीएसटी विभाग के अधिकारियों से इनके बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। सूत्र बता रहे हैं कि इसमें जेल में बंद दो जीएसटी चोर और जमानत पर आए दो जीएसटी चोरों समेत तीन अन्य लोगों से यूपी एसटीएफ और सैंट्रल जीएसटी पूछताछ कर सकती है। क्योंकि इनमें से दो जमानत पर हैं। विभाग को आशंका है कि इन्हीं लोगों की मिलीभगत से काम हुआ है।
यही नहीं, यूपी एसटीएफ और सैंट्रल जीएसटी विभाग की टीम जालंधर और लुधियाना के कुछ भाजपा नेताओं की भूमिका की भी जांच कर रही है। सूत्र बता रहे हैं कि पंजाब के जीएसटी चोरों की पहुंच केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के एक नेता के पीए से है। उक्त पीए इनकी डील करवाता है। यही नहीं, सूत्रों की माने तो उक्त पीए इनका एक तरह से इस स्कैम में पार्टनर है।
‘पंकू’ और ‘बंटी’ की तलाश
इसी साल जनवरी में जीएसटी विभाग ने 48 करोड़ रुपए की जालंधर में टैक्स चोरी पकड़ी थी। जिसमें पीके ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज गगन ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज कृश ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज बालाजी ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज कृश एंटरप्राईजिज़़ और मैसर्ज पंकज स्क्रैप कंपनी के पंकज समेत रविन्दर सिंह मैसर्ज गुरू हरराय ट्रेडिंग कंपनी, गुरविन्दर सिंह को मैसर्ज शिव शक्ति एंटरप्राईजिज़़ और अमृतपाल सिंह को कथित रूप से मैसर्ज नॉर्थ वोग के नाम से फर्जी फर्म चलाने पर गिरफ्तार किया गया था।
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इन चारों की गिरफ्तारी के बाद दो लोगों को जमानत मिल गई, जबकि दो लोग अभी भी जेल में है। पंकज आनंद अभी जेल में सजा काट रहा है, लेकिन पंकज के नाम से जालंधर और नोएडा में बोगस बिलिंग का बड़ा खेल चल रहा है। यह बात यूपी एसटीएफ के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है। यही, नहीं एसटीएफ को ‘पंकू’ और ‘बंटी’ के साथ साथ एक ऐसे मास्टर माइंड की तलाश है, जो खुद को विदेश में रहने की बात करता है, लेकिन असल में वह इंडिया में ही रहकर सारा काम करता है।
एसे करते हैं टैक्स चोरी
जीएसटी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ये सभी कारोबारी फर्जी फर्में बनाकर टोपी घुमाते हैं। फर्मों में इनपुट जीरो होता है और बाहर-बाहर से ही कंपनियों के नाम पर परचेसिंग दिखाकर जीएसटी डकार जाते हैं। इस तरह नोएडा में 14000 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी पकड़ी गई है।