डेली संवाद, जालंधर/कपूरथला। Punjab News: नशा हमारे समाज को खोखला कर रहा है। आज इसकी रोकथाम एवं उन्मूलन हमारे लिए एक चुनौती है। इसे जड़ से खत्म करना माता-पिता, समाज, युवा पीढ़ी, सरकार, शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी है। ये विचार ब्रह्माकुमारी कपूरथला की विशेष वक्ता बहन बी.के.कमल के हैं।
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वह आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आईकेजी पीटीयू) में “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत एक विशेष सेमिनार को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रही थीं। उल्लेखनीय है कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय (माउंट आबू मुख्यालय) एवं भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बीच “नश मुक्त भारत अभियान ” की जागरूकता पर आवश्यक कदम उठाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके तहत देशभर में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
यह पहल विश्वविद्यालय के अकादमिक विभाग एवं छात्र कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। विश्वविद्यालय पहुंचने पर मुख्य वक्ता बी. के. कमल और उनकी टीम का स्वागत डीन अकादमिक प्रोफेसर (डॉ.) विकास चावला की तरफ से किया गया। डीन अकादमिक डॉ. चावला ने संस्था के बारे में बताया और स्वागत संदेश साझा किया।
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विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ एस.के. मिश्रा ने इस आयोजन के लिए टीम बधाई दी। विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सुशील मित्तल ने विश्वविद्यालय स्टाफ को इस तरह के जागरूकता से भरपूर सेमिनार लगातार आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों का सामाजिक कुरीतिओं से लड़ने, दूर रहने के लिए मनोबल बढ़ता है और उन्हें सामाजिक बुराइयों से दूर रहने की प्रेरणा मिलती है।
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इस बीच बहन बी.के. कमल ने विद्यार्थियों को नशा न करने और समाज में इसका विरोध करने की शपथ दिलाई। वक्ता बी.के. कमल द्वारा प्रेरक उद्बोधन के माध्यम से अवसाद, चिंता, व्यसन आदि रोगों से मुक्त रहने का संदेश दिया गया तथा उपाय भी सुझाये गये। बहन बी.के. कमल समय-समय पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से वर्कशॉप आयोजित करती हैं। अब तक उन्होंने 3 लाख लोगों को प्रेरित कर उन्हें विभिन्न सामाजिक बीमारियों से दूर किया है।
सेमिनार के दौरान उन्होंने छात्रों को ध्यान के माध्यम से खुद को सकारात्मक पक्ष में लाने के बारे में बताया। मोबाइल फोन जैसी तकनीक के बारे में कहा जाता है कि यह जहां हमें सुविधा प्रदान करती है, वहीं यह हमारे जीवन में नकारात्मक शक्तियां भी पैदा करती है। मोबाइल का उपयोग केवल सुविधा के लिए करें! कार्यक्रम में विश्वविद्यालय स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।