डेली संवाद, जालंधर। Teacher’s Day: अध्यापन कोई समय सीमा में बंधी हुई ड्यूटी नहीं है। यह ताउम्र समाज से जुड़कर रहने वाला रिश्ता है। अध्यापन से अध्यापक को समाज में सम्मान मिलता है। इससे अध्यापक की जिम्मेदारी समाज के प्रति और भी बढ़ जाती है। अध्यापन से मिले सम्मान के एवज में बेहतर समाज का निर्माण करने को तत्पर रहना अध्यापक की ड्यूटी है।
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यह विचार आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आई.के.जी पी.टी.यू ) के कुलपति डा.सुशील मित्तल के हैं। डा.मित्तल मंगलवार को यूनिवर्सिटी के मुख्य कैंपस में आयोजित “टीचर्स-डे” के भव्य समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भले ही हर टीचर का पढ़ाने का तरीका एवं संचार करने का जरिया अलग-अलग हो, मगर सभी टीचर्स का कर्म एवं उससे जुड़ा पैशन एक सा ही होता है।
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टीचर का लक्ष्य हमेशा समाज निर्माण का ही होता है। कुलपति डा.सुशील मित्तल ने क्लासरूम स्टडी, ऑनलाइन क्लास एवं पत्राचार स्टडी के बीच में भी अध्यापक के अहम् रोल के बारे में बताया। उन्होंने सभी टीचर्स को इस विशेष दिवस की बधाई दी तथा बेहतर समाज निर्माण के लिए प्रेरित किया। समारोह का आयोजन यूनिवर्सिटी के डीन विद्यार्थी भलाई विभाग की तरफ से किया गया।
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डीन विद्यार्थी भलाई डा.गौरव भार्गव ने मंच से स्वागत भाषण दिया। रजिस्ट्रार डा.एस.के.मिश्रा ने टीचर्स-डे का महत्व बताने के साथ-साथ यूनिवर्सिटी में बेस्ट टीचर अवार्ड्स, क्वालिटी एंड न्यू कॉन्सेप्ट एजुकेशन के लिए टीचर्स में अकादमिक मुकाबला करवाने रखा। समारोह में मंच संचालन पंजाबी के सहायक प्रोफेसर डा.सरबजीत सिंह मान ने किया।
इस अवसर पर यूनिवर्सिटी डीन अकादमिक प्रो (डा.) विकास चावला, डीन आर एंड डी डा.हितेश शर्मा, कंट्रोलर एग्जामिनेशन डा.परमजीत सिंह एवं विभिन्न अकादमिक एवं प्रबंधन विभागों के हेड व अन्य अधिकारी एवं फैकल्टी मेंबर्स उपस्थित रहे।