डेली संवाद, जालंधर। Punjab News: शिरोमणी अकाली दल ने आज दो जुड़वां भाइयों की आत्महत्या मामले में बर्खास्त इंस्पेक्टर नवदीप सिंह को जमानत लेने और सबूत मिटाने के लिए समय देने के लिए आप सरकार की कड़ी निंदा करते हुए नवदीप की तत्काल गिरफ्तारी और मामले में अन्य पुलिस कर्मियों को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है।
ये भी पढ़ें: नेहा टोका फैक्ट्री का मालिक गौ मांस के कारोबारियों से हर माह लेता था 1.80 लाख रुपए
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए जिसमें जुड़वां भाइयों मानवजीत सिंह ढ़िल्लों और जशनजीत सिंह ढ़िल्लों के पिता के साथ वरिष्ठ अकाली नेता और पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि 24 दिन का समय बीत चुका है, जब दोनों भाइयों ने इंस्पेक्टर नवदीप सिंह, एएसआई बलविंदर कुमार और महिला कांस्टेबल जगजीत कौर से अपमान के बादब्यास में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
उन्होंने कहा कि पहले तो पुलिस दोनों भाइयों के शव ढ़ूंढ़ने में असफल रही, ताकि शवों की बरामदगी न होने से मामले में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो और जब जशनजीत का शव बरामद किया गया तो इंस्पेक्टर नवदीप सिंह और अन्य दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई।
जालंधर में Royal Hut Restaurant में गुंडागर्दी, देखो कैसे हुई तोड़फोड़
उन्होंने कहा कि परिवार ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया, इसीलिए इंस्पेक्टर नवदीप सिंह के खिलाफ बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए , लेकिन आज तक न तो उन्हे और न ही अन्य दो पुलिस कर्मियों को मामले में गिरफ्तार किया गया।
ये भी पढ़ें: 14,000 करोड़ की बोगस बिलिंग, STF को जालंधर के ‘पंकू’ और ‘बंटी’ की तलाश
मजीठिया ने सरकार से आग्रह किया है कि वह समय बर्बाद करने से बचकर न सिर्फ नवदीप को गिरफ्तार करे बल्कि अन्य दो दोषियों को सेवा से बर्खास्त करें। उन्होंने इस मामले में इस्पेक्टर नवदीप सिंह को संरक्षण देने वालों के खिलाफ धारा 120 बी के तहत कार्रवाई की भी मांग की है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक रमन अरोड़ा इन संदिग्ध पुलिस कर्मियों को संरक्षण दे रहे हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पुलिस स्टेशनों में उनकी पोस्टिंग सुनिश्चित की थी। पूर्व मंत्री ने कहा कि वह जल्द ही मीडिया के सामने पूरे सबूत के साथ पर्दाफाश करेंगें कि नवदीप सिंह की संदिग्ध कार्यप्रणाली राज्य के लोगों और पुलिस बल के लिए कितना हानिकारक साबित हो रही है।