डेली संवाद, नई दिल्ली। Secured vs Personal Loan: हर व्यक्ति को कभी न कभी जरूरी कार्यों को पूरा करने के लिए फंड्स की आवश्यकता होती है। लोगों के मन में एक सवाल आता है कि सिक्योर्ड लोन या फिर पर्सनल लोन लेना चाहिए।
क्या होता है सिक्योर्ड लोन?
जब भी बैंक के पास कोई संपत्ति जैसे घर, जमीन, शेयर, म्यूचुअल फंड गिरवी रखकर लोन लिया जाता है तो उसे सिक्योर्ड लोन कहते हैं।सिक्योर्ड लोन लेने का फायदा यह होता है कि अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है तो भी बैंक लोन देते हैं और ब्याज भी कम होता है।
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क्या होता है पर्सनल लोन?
पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन होता है। इसमें कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो कोई भी बैंक आसानी से आपको पर्सनल लोन दे देता है। पर्सनल लोन लेने के लिए आपकी क्रेडिट हिस्ट्री होनी चाहिए। इसकी ब्याज दर भी सिक्योर्ड लोन की अपेक्षा अधिक होती है।
कौन-सा लोन लेना बेहतर होता है?
अगर आप लंबी अवधि का लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो सिक्योर्ड लोन लेना बेहतर होता है। इसमें ब्याज दर भी कम होती है और फंडिंग की कॉस्ट भी कम आती है।
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वहीं, अगर आप छोटी अवधि का लोन लेने की योजना बना रहे हैं और कुछ गिरवी नहीं रखना चाहते हैं। फिर पर्सनल लोन लेना बेहतर रहता है। पर्सनल लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए। आमतौर पर 750 से अधिक का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है। जितना अधिक आपका क्रेडिट होगा, उतने ही कम ब्याज पर आपको लोन मिल जाएगा।
लोन लेने से पहले ध्यान रखें ये बातें
- लोन की नियम व शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
- हमेशा चार से पांच बैंकों की ब्याज दर की तुलना करने के बाद लोन लेना चाहिए।
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- क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर रखें। इससे ब्याज दर कम रहेगी।
- हमेशा फ्लोटिंग रेट पर लोन लें।