डेली संवाद, जालंधर। Hindi Day: दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली तीसरी भाषा हिंदी के सम्मान में डिप्स कॉलेज ऑफ एजुकेशनल में सेमिनार, लेखन गतिविधि का आयोजन किया गया। इस दौरान बीएड के पीपुल टीचर्स द्वारा अपने स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
विद्यार्थियों ने लेखन गतिविधि के दैरान नशे का समाज पर हो रहे बुरे प्रभाव के बारे में अपने विचार पेश किए। हिंदी अध्यापिका ने विद्यार्थियों को बताया कि भारत में कई तरह की भाषाएँ बोली जाती है लेकिन हिंदी दुनियाभर के भारतीयों को भावनात्मक तौर पर आपस में जोड़ने का काम करती है।
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भारत में हजारों वर्षों से कई तरह की भाषाएँ बोली जाती है ऐसे में 1949 में राजभाषा का चयन करते हुए हिंदी और लिपि देवनागरी को चुना गया। उस समय से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। जिस दिन हिंदी के साहित्यकार राजेन्द्र सिंह का 50 वां जन्मदिन था।
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हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए। प्रिंसिपल्स ने कहा कि हिंदी देखने में सरल लगती है लेकिन इसे पढऩे, समझने और लिखने वालों की संख्या बहुत कम है। आज के ग्लोबल समय में हिंदी पर अंग्रेजी भाषा का काफी प्रभाव पड़ रहा है। आज विद्यार्थियों को हिंदी के प्रति प्रोत्साहित करना काफी जरूरी है ताकि हम अपनी संस्कृति को कायम रख सके।