डेली संवाद, जालंधर। Punjab News: जालंधर में बिना लाइसेंस के ट्रैवल एजैंटी का धंधा खूब फलफूल रहा है। यही कैंसिल लाइसेंस के बाद भी पुलिस की मिलीभगत से एजैंटों का दफ्तर खुल रहा है, जहां लोगों से रोजाना ठगी हो रही है। एक ऐसा ही मामला पीपीआर मार्केट का आया है। यहां कैंसिल लाइसेंस पर बेधड़क विदेश भेजने का काम किया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आदेश दिए थे कि किसी भी हाल में पंजाब में बिना लाइसेंस के किसी भी ट्रेवल एजेंट का दफ्तर नहीं चलना चाहिए। परन्तु इसके वाबजूद जालंधर में ही माजूदा समय में 20 के करीब बिना लाइसेंस और कैंसल लाइसेंस पर दफ्तर चल रहे हैं।
हैरानी की बात तो यह है कि इन बिना लाइसेंस के इमीग्रेशन दफ्तरों की पूरी जानकारी सम्बंधित पुलिस थानों को भी है। परन्तु भ्रष्टाचार कहिये, सेटिंग कहिये या फिर पुलिस कि लापरवाही कहिए, मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए शहर में पुलिस कमिश्नरेट के अधीन 2 दर्जन के करीब बिना लाइसेंस या कैंसिल लाइसेंस वाले इमीग्रेशन दफ्तर चलाये जा रहे हैं।
जिनसे किसी भी समय गरीब लोगों के साथ ठगी हो सकती है। पिछले कुछ महीने के दौरान ही जालंधर में अनेकों केस सामने आए हैं। जहां भोले भाले लोगों के साथ किसी भी समय ठगी हो सकती है। बात अगर जालंधर के थाना नं 7 के अधीन आती PPR मार्किट की करें तो यहां भी एक कैंसिल लाइसेंस वाला इम्मीग्रेशम दफ्तर सरेआम चलाया जा रहा है।
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इस बारे में एक शिकायत डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल के पास पहुंची है। शिकायतकर्ता करणप्रीत सिंह ने बताया की PPR मार्किट में चल रहे इस दफ्तर बारे जिला प्रसाशन की वेबसाइट पर स्टेटस (लाइसेंस कैंसिल) का दिख रहा है। परन्तु इसके बावजूद प्रसाशन के नियमों और कानून की प्रवाह किए बगैर यह दफ्तर खुला है।
करणप्रीत ने मामले बारे बताया कि DC दफ्तर के संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई परन्तु उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया। इसीलिए मामले की शिकायत डिप्टी कमिश्नर को मेल के जरिए की गई है। वहीं इस मामले में जब सम्बंधित कैंसिल लाइसेंस वाले इमीग्रेशन दफ्तर के लैंडलाइन नंबर पर बात की गई तो कंपनी के एक कर्मचारी ने कहा कि उनका लाइसेंस सही है।