डेली संवाद, फिरोजपुर। (सुनील प्रभाकर) Punjab News: फिरोजपुर का ऐतिहासिक आर.एस.डी कॉलेज में बिना कारण बताए निकाले गए तीन शिक्षकों का मामला ठंडा नहीं पड़ रहा है। कॉलेज प्रबंधन अपने निराधार फैसले पर अड़ा हुआ है। उधर, शिक्षकों का संघर्ष 43वें दिन पर पहुंच गया है।
कॉलेज के बाहर चल रहे दिन-रात धरने को कर्मचारी संगठनों, किसान यूनियनों, समाज सेवी संगठनों, कॉलेज के सेवानिवृत्त शिक्षकों का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ और पंजाब सरकार द्वारा उनके रुख को सही मानने और उनकी बर्खास्तगी को अवैध घोषित करने से नौकरी से निकाले गए शिक्षकों के हौंसले बुलंद हैं।
ये भी पढ़ें: मुंह ढक कर घर से बाहर निकलने, बाइक और स्कूटी चलाने पर दर्ज होगी FIR
पंजाब यूनिवर्सिटी ने 1 अगस्त को कॉलेज को लिखे पत्र में इन शिक्षकों को दोबारा ज्वाइन करने के निर्देश दिए थे। जिसे कॉलेज प्रबंधन ने खारिज कर दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय ने सिंडिकेट सदस्यों की एक टीम को कॉलेज निरीक्षण के लिए भेजा। उस टीम ने कॉलेज प्रबंधन और प्राचार्य से तीन बार बात की लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी की परवाह नहीं की। अंततः समिति ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को सौंप दी।
26/08/23 को सिंडिकेट की बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई और सर्वसम्मति से कॉलेज की मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में एक हिंदी अखबार में छपी खबर को कॉलेज प्रबंधन ने गलत और निराधार बताया है। अब 15//09//23 को यूनिवर्सिटी ने एक पत्र के माध्यम से कहा कि अगर इन शिक्षकों ने पांच दिनों के भीतर दोबारा ज्वाइन नहीं करवाया गया तो कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
ये भी पढ़ें: 14,000 करोड़ की बोगस बिलिंग, STF को जालंधर के ‘पंकू’ और ‘बंटी’ की तलाश
यूजीसी/पंजाब सरकार से किसी भी अनुदान के लिए कोई सिफारिश नहीं की जाएगी। परीक्षाओं के लिए छात्रों का पंजीकरण स्वीकार नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने अपने पत्र दिनांक 04//09//23 के माध्यम से इन शिक्षकों को बहाल करने का निर्णय लिया और कॉलेज को निर्देश दिया कि इन शिक्षकों को तुरंत ज्वाइन करने का आदेश जारी किया जाए।