डेली संवाद, नई दिल्ली। World Environmental Health Day 2023: आज विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 26 सितंबर को मनाया जाने वाला ‘वर्ल्ड इन्वार्यमेंट हेल्थ डे’ पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं और पर्यावरण के संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
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साथ ही, पर्यावरण के अपने स्वास्थ्य के चलते हम सभी जीवों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को भी विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस उजागर करता है। बता दें कि यह दिवस हर साल 5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस से अलग है, जिसे संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम के अंतर्गत सहायता मिलती है।
World Environmental Health Day 2023 History: 2011 से मनाया जा रहा है यह दिवस
वर्ष 1986 में स्थापित हुए इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ इन्वार्यमेंट हेल्थ (आइएफईएच) द्वारा 26 सितंबर 2011 से विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस को मनाए जाने की शुरूआत की गई थी। इस संघ में विश्व के 40 देश शामिल हैं। इन देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के शोधकर्ताओं से लेकर पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाले संगठन इन फेडरेशन के सदस्य हैं।
World Environmental Health Day 2023 Theme: विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का मुख्य विषय
प्रति वर्ष मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के लिए इस साल का मुख्य विषय (Theme) हर किसी के स्वास्थ्य से सम्बन्धित है। विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस 2023 की मुख्य विषय ‘वैश्विक पर्यावरणीय सार्वजनिक स्वास्थ्य: हर दिन हर किसी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए खड़ा होना (Global Environmental Public Health: Standing up to Protect Everyone’s Health each and every day)’ घोषित किया गया है।
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वहीं, बात करें पिछले साल की तो वर्ष 2022 का मुख्य विषय ‘सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए पर्यावरणीय स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करना (Strengthening Environmental Health Systems for the Implementation of the Sustainable Development Goals – SDGs)’ घोषित किया गया था।
World Environmental Health Day 2023 Significance and Importance: विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस की इसलिए है जरूरत
विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस को मनाए जाने के पीछे इसके उद्देश्यों से इसी आज के संदर्भ में इस दिवस की आवश्यकता भी बताती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर हर साल होने वाली मौतों की संख्या का 24 फीसदी तक पर्यावरण की समस्याओं से सम्बन्धित है। इसका अर्थ है कि यदि पर्यावरण का स्वास्थ्य प्रभावित होगा तो जीवों के स्वास्थ्य पर भी असर होना निश्चित है, इसलिए आज की जरूरत है कि हम पर्यावरण के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए काम करें।