डेली संवाद, नई दिल्ली। BIG NEWS: विदेश घूमने के शौकीन लोगों की सबसे जरूरी खबर है। अब उन्हें अपनी जेब ज्यादा ढीला करनी पड़ सकती है। यानि विदेश घूमना अब महंगा हो जाएगा। विदेश घूमने जाने के इच्छुक लोगों के लिए ये खबर सबसे अहम है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट के दौरान लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत फॉरेंन रेमिटेंस पर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) को 5 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। जो अब 1 अक्टूबर से लागू होने जा रही है।
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आपको बता दें कि पहले इस आदेश को 1 जुलाई से लागू होना था लेकिन अब तीन महीने बाद, फॉरेंन रेमिटेंस पर टीसीएस रविवार 1 अक्टूबर से लागू होने जा रही है। वर्तमान में, रिज़र्व बैंक के एलआरएस के तहत विदेशों में ट्रांसफर पैसों पर 7 लाख रुपये से अधिक की राशि पर 5 प्रतिशत टीसीएस लगता है।
हालांकि आपको बता दें कि पहले की तरह ही 1 अकटूबर 2023 से एक वित्त वर्ष में 7 लाख रुपये तक के एलआरएस ट्रांसफर पर कोई टीसीएस नहीं देना होगा। विदेशी टूर पैकेज की खरीद पर वर्तमान में 5 प्रतिशत टीसीएस लगता है। 1 अक्टूबर से 7 लाख रुपये तक के ऐसे खर्च पर 5 फीसदी टीसीएस लगेगा लेकिन 7 लाख रुपये से अधिक के खर्च पर टीसीएस दर 20 प्रतिशत से अधिक होगी।
चिकित्सा उपचार और शिक्षा के लिए 7 लाख रुपये से अधिक के सालाना खर्च पर 5 प्रतिशत का टीसीएस लगाया जाता रहेगा। विदेशी शिक्षा के लिए लोन लेने वालों के लिए, 7 लाख रुपये की सीमा से ऊपर 0.5 प्रतिशत की कम टीसीएस दर लागू रहेगी।
टीसीएस बढ़ाने का लिया गया था फैसला
बजट 2023-24 ने 1 जुलाई से प्रभावी एलआरएस और विदेशी टूर पैकेजों पर टीसीएस दरों को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया था फिर 28 जून को वित्त मंत्रालय ने इसे 1 अक्टूबर तक के लिए टालने की घोषणा की थी।
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आरबीआई की एलआरएस योजना के तहत, कोई व्यक्ति आरबीआई की मंजूरी के बिना विदेश में सालाना 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर तक भेज सकता है। 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर या इसके समतुल्य विदेशी मुद्रा से अधिक के रेमिटेंस के लिए आरबीआई से मंजूरी लेना जरूरी है।
इन क्रेडिट कार्ड पर नहीं लगेगा टीसीएस
विदेश यात्रा के दौरान खर्चों को पूरा करने के लिए अगर आप अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो वो एलआरएस का हिस्सा नहीं है और इसलिए इस पर टीसीएस नहीं लगेगा।
2021-22 में, एलआरएस के तहत कुल 19.61 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रेमिट किया गया, जो 2020-21 में 12.68 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। 2022-23 में यह बढ़कर 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।