डेली संवाद, अमृतसर। Punjab News: भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश महासचिव व अमृतसर पूर्वी विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी पूर्व आईएएस डॉ. जगमोहन सिंह राजू ने आम आदमी पार्टी द्वारा पंजाब से नशा खत्म करने के दावों को खोखला करार देते हुए कहा कि यह लोग खुद नशे के कारोबार में सलिंप्त होते जा रहे हैं।
अमृतसर के एक विधायक का उदहारण देते हुए राजू ने कहा कि इनके अपने विधायक ही नशे के कारोबार में लिप्त हैं। डॉ. जगमोहन राजू ने अमृतसर पूर्वी की विधायका जीवनजोत कौर द्वारा पवित्र शहर गुरुनगरी अमृतसर में नई शराब की दुकानें खोलने के लिए लिए अपने चहेतों को ठेके के लाइसेंस देने के लिए नगर निगम कमिश्नर को अपने लेटरहेड पर चिट्ठी लिख कर उन्हें रेलवे स्टेशन के एग्जिट गेट पर ठेका खोलने की अनुमति देने की सिफारिश कर रही हैं।
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डॉ. राजू ने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह मामला गुरुनगरी की जनता द्वारा उनके संज्ञान में लाया गया है। डॉ. राजू ने कहा कि आप विधायका जीवन ज्योत कौर ने जिला अधिकारियों को एक व्यापारिक घराने के लिए पवित्र शहर अमृतसर में शराब की दुकानें खोलने की सिफारिश की है। उन्होंने संदेह जताया कि उक्त व्यावसायिक घराने द्वारा जीवन ज्योत कौर को यह सिफारिश करने के लिए भारी रिश्वत दी गई लगती है।
डॉ. राजू ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध अमृतसर सिखों का सबसे पवित्र शहर है और इस पवित्र शहर के आसपास शराब की दुकानें खुलने से सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। इससे न केवल स्थानीय जनता की धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, बल्कि अनियंत्रित शराब का सेवन भी एक सार्वजनिक खतरा बन जाएगा। सड़कों के किनारे शराब पीना, विशेषकर शराब की दुकानों के बाहर, शहर में एक आम दृश्य बन जाएगा।
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डॉ. राजू ने कहा कि नशा करने वालों को कानून का कोई डर नहीं है। महिलाओं के खिलाफ अपराध, चेन स्नैचिंग, घरेलू हिंसा और पर्यटकों के खिलाफ अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुनगरी के निवासियों ने इस लगातार बढ़ते खतरे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों से बुराई को शुरू करने से पहले ही खत्म करने का आग्रह किया है।
डॉ. जगमोहन सिंह राजू ने डिप्टी कमिश्नर अमृतसर, नगर निगम कमिश्नर अमृतसर तथा पुलिस कमिश्नर अमृतसर को पत्र लिख कर आग्रह किया कि इस आवेदन को जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तथा गुरुनगरी के भावी हालातों को ध्यान में रखते हुए तुरंत रद्द किया जाए तथा इस सिफारिश के पीछे भ्रष्टाचार (रिश्वतखोरी), यदि कोई हो, के पहलू की भी जांच की जाए।