डेली संवाद, चंडीगढ़। Board Exams: अब देशभर में साल में दो बार बोर्ड परीक्षा (Board Exams) देना जरूरी नहीं है। छात्र अपनी पसंद के अनुसार इसे परीक्षा में वैकल्पिक के रूप में चुन सकते हैं। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि छात्रों के लिए साल में दो बार 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा।
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यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा और इसका मुख्य उद्देश्य किसी एक अवसर के डर से होने वाले उनके तनाव को कम करना है। आपको बता दे कि इससे पहले शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि दो बोर्ड परीक्षा प्रणाली फिर से शुरू होने जा रही है। छात्रों को “समय और अवसर” दोनों देने के लिए अंतिम परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी।
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इसमें कहा गया है कि यह निकट भविष्य में NEP में परिकल्पित ऑन-डिमांड परीक्षाओं की प्रणाली की ओर बढ़ने में सक्षम होगा। बोर्ड की मौजूदा व्यवस्था के बारे में NCF का कहना है कि साल में एक परीक्षा से छात्रों को तैयारी करने का मौका नहीं मिलता है, या पहला मौका छूट जाने पर पास होने का दूसरा मौका नहीं मिलता है।
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