डेली संवाद, छत्तीसगढ़। Call Recording: क्या आप भी फ़ोन पर बातचीत करते समय कॉल रिकॉर्ड करते है? अगर हां तो ये आदत आपको मुसीबत में डाल सकती है। दरअसल छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी बातचीत रिकॉर्ड (Call Recording) करना ‘Right to Privacy’ का उल्लंघन है।
हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राकेश मोहन पांडे ने कहा कि संबंधित व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी बातचीत रिकॉर्ड करना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है और आईटी एक्ट की धारा 72 के तहत अपराध है।
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बता दे कि अगर आप दूसरे पक्ष की मर्जी के बगैर फोन रिकॉर्डिंग करते है तो यह आईटी एक्ट की धारा 72 के तहत अपराध है। अगर दूसरा पक्ष इसके खिलाफ शिकायत करता है तो उसे ऐसा करने वाले को सजा भी हो सकती है। दरसअल मामला छत्तीसगढ़ का है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट गुजारा भत्ते से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहा था। इस मामले में फैमिली कोर्ट ने पति को पत्नी के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर पेश करने की इजाजत दी थी। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है।
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हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि मामला चाहे निजी संबंधों का ही क्यों ना हो, अदालते ऐसा सबूत स्वीकार नहीं कर सकता जिसमें बिना मंजूरी मोबाइल फोन पर बातचीत की रिकार्डिंग करना हो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन है।