GST Bogus Billing: पंजाब के इस कारोबारी ने अपनी नौकरानी के साथ कर दिया बड़ा कांड

Daily Samvad
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डेली संवाद, लुधियाना/जालंधर। GST Bogus Billing: पंजाब के कारोबारियों द्वारा लगातार जीएसटी की चोरी की जा रही है। जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, मंडी गोबिंदगढ़ समेत कई शहरों के कारोबारी फर्जी फर्मों पर बिल काटकर सरकार को हर महीने करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। नया मामला लुधियाना शहर से सामने आया है।

जानकारी के मुताबिक लुधियाना के एक कारोबारी ने अपनी नौकरानी के नाम पर जीएसटी नंबर जारी करवा कर दो महीने में ही करोड़ों रुपए की बोगस बिलिंग कर दी। जीएसटी विभाग ने जब इस स्कैम को पकड़ कर दस्तावेजों में दर्ज मोबाइल फोन पर कॉल की तो पता चला कि फर्म महिला के नाम पर है और किसी घर पर काम करती है।

दूसरी तरफ महिला को जब इस बात का पता चला कि उसके नाम पर करोड़ों का कारोबार हो रहा है तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जबकि उसने अधिकारियों को जवाब दिया कि उसे मालिक से सिर्फ 10 हजार रुपए महीने के मिलते है। विभाग से कॉल आने के बाद नौकरानी ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया और अंडरग्राऊड हो गई। जबकि विभाग की तरफ से उसकी तलाश की जा रही है।

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विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी की टीम ने विभाग के डाटा मानिंग साफ्ट वेयर से मिली जानकारी के आधार पर काम करते हुए 1 अक्तूबर को एक ट्रक पकड़ा था, जिसमें 3 टन कॉपर भी भरा हुआ था। विभाग ने कार्रवाई करते हुए ट्रक के मालिक को 11.66 लाख रुपए जुर्माना किया था। लेकिन विभाग ने इस ट्रक से बरामद बिलों को लेकर आगे जांच की तो अधिकारी भी हक्के बक्के रहे गए।

स्टेट इंटेलीजेंस व प्रीवेंटिव यूनिट की तरफ से डाटा मानिंग के जरिए 15 दिन की जांच के बाद पता चला कि इसमें लगे एक बिल का जीएसटी नंबर लुधियाना से के.ट्रेडर की फर्म ने 28 जून 2023 को जारी करवाया था और इस फर्म में उन्होंने नमक, मिर्च व चायपत्ती का कारोबार करने की बात की थी। लेकिन फर्म की तरफ से कॉपर स्क्रैप की बिलिंग की जा रही है।

फर्म की तरफ से कॉपर स्क्रैप की बोगस बिलिंग की जा रही है। जांच में खुलासा हुआ कि कारोबारी ने अपनी घरेलु नौकरानी के नाम पर फर्म खोली हुई है और 2 महीने में ही उसने 10 करोड़ रुपए की बोगस बिलिंग कर दी। जांच के बाद पता चला कि जांच में यह भी पता चला कि जीएसटी नंबर रजिस्ट्रेशन करवाते समय फर्म मालिक की तरफ से फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग किया गया था।

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यही नहीं किराया नामा भी पुराने अष्टामों पर लिखवा कर जमा करवाया गया था, जब कि यह अष्टाम 2022 में राज्य सरकार की तरफ से बंद कर दिए गए थे। फर्म की तरफ से किरायानामा 2023 में तैयार किया गया था। कार्रवाई करते हुए जब अधिकारियों ने दस्तावेजों में दर्शाए गए फर्म की मालिकन (नौकरानी) से बात की तो पता चला कि वास्तव में वह बिहार से आई हुई है।

वह और उसका पति लेबर का काम करते है। उसे इस बात की कुछ भी जानकारी नहीं है। उसने बताया कि उसके मालिक ने उसे कुछ दस्तावेजों पर साईन जरूर करवाए थे और उसके ऐवज में उसे 10 हजार रुपए दिए थे और हर महीने 10 हजार रुपए देने की बात कही थी।

जीएसटी विभाग के अधिकारियों की तरफ से इस फर्म की तरफ से की गई हरेक ट्राजेकशन को लेकर जांच कर रहे है, जांच के दौरान अन्य कई फर्मो के बारे में पता चला है, जो कि इस फर्म के साथ कारोबार कर रही थी। अधिकारियों का मानना है कि जांच के दौरान विभाग को करोड़ों रुपए का टैक्स व जुर्माना आने की संभावना है। फिलहाल अभी तक दो अन्य फर्मो के बारे में पता चला है।

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