डेली संवाद, जालंधर। Nagar Nigam Election: पंजाब के पांच नगर निगमों में चुनावी बिगुल बजते ही कौंसलरी का चुनाव लड़ने वाले नेताओं की सक्रियता तेज हो गई है। खासकर AAP में प्रत्याशी बनने को लेकर एडी चोटी का जोर लगाया जा रहा है। हाल यह है कि एक वार्ड से चार-चार दावेदार हो गए हैं, सबसे ज्यादा परेशानी आम आदमी पार्टी में पैदा हो रही है। क्योंकि AAP सत्ताधारी पार्टी है, इसलिए यहां टिकट को लेकर ज्यादा मारामारी है।
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पंजाब के पांच नगर निगमों में चुनावी घोषणा के बाद सभी दल अपने प्रत्याशी की लिस्ट बनाने में जुट गए हैं। आम आदमी पार्टी अपने पुराने फार्मूले पर टिकट देने का ऐलान कर चुकी है। जिसमें AAP हर वार्ड में सर्वे करवाएगा। इसके लिए पहले राउंड का सर्वे पूरा भी हो चुका है। सर्वे में जिस नेता का नाम ऊपर होगा, टिकट उसी को मिलेगा।
सिफारिश नहीं, सर्वे में नाम आने पर मिलेगी टिकट
पार्टी सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी सिफारिश की बजाय अंदरूनी सर्वे और मेरिट के आधार पर ही उम्मीदवारों का चयन कर उनको चुनाव मैदान में उतारेगी। ‘आप’ के नैशनल जनरल सैक्रेटरी डा. संदीप पाठक ने पार्टी हाईकमान की इस योजना बारे सभी विधायकों और पधाधिकारीयों को बता दिया है।
नगर निगम चुनावों को लेकर बनाई गई विभिन्न कमेटियों के साथ चली लंबी मीटिंग के दौरान डा. पाठक ने जहां जीत का मंत्र दिया, वहीं उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया के मद्देनजर मुख्य कमेटी एवम विधानसभा स्तर पर सब कमेटियों के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की ओर कदम बढ़ाए हैं।
AAP ने बनाई कमेटी
सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में निगम चुनाव जीतने बारे कई अहम पहलुओं पर चर्चा की गई। पार्टी की ओर से बनाए जाने वाली मेन कमेटी में 5 मैंबर रखे गए हैं जो उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया पर अंतिम मोहर लगाएंगे। सरकार की किसी एक मंत्री को मुख्य कमेटी का प्रभारी लगाने के साथ ,चेयरमैन, वाइस चेयरमैन,जिला प्रधान और लोकसभा हल्का इंचार्ज कमेटी में शामिल होंगे।
वहीं सब-कमेटी में हलके का विधायक, निरीक्षक,पार्टी का स्थानीय नेता समेत ब्लॉक प्रधानों को शामिल किया गया है। हालांकि अभी नाम फाइनल नहीं हुए हैं लेकिन सब कमेटी अपने विधानसभा हलके में पड़ते वार्डों के लिए उम्मीदवारों के नाम का सुझाव मुख्य कमेटी को भेजेगी जिसके बाद मुख्य कमेटी की मोहर लगने के बाद उम्मीदवार का नाम फाइनल होगा।
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उक्त बारे पार्टी ने एक परफॉर्मा भी जारी किया गया है जिसमें कई मापदंडों पर खरा उतरने वाले उम्मीदवार के नाम को ही टिकट के लिए हरी झंडी मिलेगी। इसमें देखा जायेगा कि उम्मीदवारी के लिए दावा करने वाले नेता जमीनी स्तर पर कितना एक्टिव है।
वहीं नेता पार्टी के कितना समर्पित और उसका चुनाव लडने का क्या तजुर्बा है, उसे भी देखा जाएगा। इसके अलावा पार्टी की और से जारी परफॉर्मा में अन्य कई निर्देश और मापदंड तय किए गए हैं जिसको मीटिंग में शामिल कमेटी के पदाधिकारियों को दे दिया गया है।
AAP – एक अनार, सौ बीमार
राज्य़ में आम आदमी पार्टी की सरकार है। एसे में हर कोई सत्ताधारी पार्टी से चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है। यहां तक कि कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल छोड़कर AAP ज्वाइन करने वाले नेता टिकट मांग रहे हैं। जबकि आम आदमी पार्टी के पुराने व सक्रिय कार्यकर्ता पहले से ही सशक्त दावेदार हैं। एसे में आम आदमी पार्टी में एक-एक वार्ड से कई दावेदार पैदा हो गए हैं।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ और पुराने वर्कर मौजूदा समय में खुद को हाशिए पर महसूस कर रहे हैं। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और भाजपा के कई पूर्व पार्षदों ने AAP का दामन थामा है। जिससे ये लोग भी टिकट की मांग कर रहे हैं। लेकिन पार्टी हाईकमान से सख्त कहा है कि पार्टी ज्वााइन करने से किसी को टिकट नहीं मिल जाती, सर्वे के आधार पर ही टिकट दिया जाएगा। हालांकि जिन वर्करों ने पार्टी को स्टैबलिश किया, उनमें अभी मायूसी है।
कांग्रेस में ने मांगे आवेदन
जालंधर समेत पांचों नगर निगमों में कांग्रेस ने कौंसलर का चुनाव लड़ने वाले नेताओं से आवेदन मांगे है। जिला कांग्रेस के दफ्तरों में इच्छुक लोग अपने बायोडाटा जमा करवा रहे हैं। जालंधर में जिला प्रधान राजिंदर बेरी दफ्तर में आवेदन ले रहे हैं। कांग्रेस में भी एक एक वार्ड से कई आवेदन आ रहे हैं।
भाजपा ने शुरू किया मंथन
भाजपा नगर निगम चुनाव तगड़े से लड़ने के लिए मंथन कर रही है। भाजपा में भी हरेक वार्ड पर कई उम्मीदवार चेहरे सामने आ रहे हैं। हालांकि कई वार्डों में अभी तक कोई फेमस चेहरा नहीं, क्योंकि ज्यादातर कौंसलर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर चुके हैं। एसे में भाजपा को हर एक वार्ड से बेहतर उम्मीदवार उतारना भी चुनौती बनी हुई है।
अकाली दल की बागियों पर नजर
यह पहली बार है कि पंजाब में भाजपा से अलग होकर अकाली दल चुनाव लड़ेगा। चूंकि नगर निगम में भाजपा का दबदबा रहा है, इसलिए अकाली दल को कैंडीडेट पूरे करने में मुश्किल आ रही है। अकाली दल की नजर उन बागी प्रत्याशियों पर है, जिन्हें आम आदमी पार्टी, कांग्रेस या भाजपा टिकट नहीं देगी। इन प्रत्याशियों को अकाली दल अपना प्रत्याशी बना सकती है।