डेली संवाद, कपूरथला। IKGPTU: बढ़ती पर्यावरण चिंता एवं भूमि की सीमित उपलब्धता के बीच स्क्रैप रबड़ टायरों का निपटारा बिना जलाए एवं बिना खुले में स्टोर करने के उदेश्य से आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने एक बेहतर प्रोजेक्ट पेपर तैयार किया है, जिसे हाल ही में अंतर-राष्ट्रीय कांफ्रेंस में पुरस्कार मिला है।
यूनिवर्सिटी के बी.टेक. सिविल इंजीनियरिंग विभाग के चौथे वर्ष के स्टूडेंट्स, लक्ष्य छापोला, शुभम कुमार, हरगुनबीर सिंह और मंटू कुमार ने विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) राजीव चौहान के मार्गदर्शन में एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। यह प्रोजेक्ट पेपर बताता है कि “भवन निर्माण सामग्री में स्क्रैप रबड़ टायर का उपयोग” किया जा सकता है।
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इस पेपर में मिट्टी और कंक्रीट में स्क्रैप रबड़ को जोड़ने, उसकी उपयुक्तता की जांच एवं इसके सफल परिणाम पर शोध सहित जानकारी है। स्टूडेंट्स ने हाल ही में इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट को “पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय, देहरादून (उत्तराखंड) में एक पेपर के रूप में प्रस्तुत किया और उन्हें वहां पुरस्कृत किया गया है।
यह पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित “सस्टेनेबिलिटी फेयर 2.0” कार्यक्रम था, जिसमें स्टूडेंट्स ने “मिट्टी और कंक्रीट में निर्माण सामग्री के रूप में स्क्रैप रबड़ टायर की उपयुक्तता पर प्रायोगिक अध्ययन” विषय के तहत अपना पेपर प्रस्तुत किया। स्टूडेंट्स को इसमें सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति के लिए सम्मानित किया गया है।
यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. सुशील मित्तल, रजिस्ट्रार डॉ. एस.के. मिश्रा एवं डीन अकादमिक प्रो. (डॉ.) विकास चावला ने स्टूडेंट्स की सफलता पर पीठ थपथपाई है। इन अधिकारियों ने इस सफलता के लिए सिविल इंजीनियरिंग विभाग सहित टीम के सभी सदस्यों को बधाई दी है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस प्रोजेक्ट पेपर से जुड़े थे।
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कुलपति डॉ. सुशील मित्तल ने कहा है कि यह सफलता दर्शाती है कि आई.के.जी पी.टी.यू के स्टूडेंट्स भविष्य में देश-विदेश की कई समस्याओं का बेहतर समाधान प्रदान करेंगे। डॉ. मित्तल ने कहा कि आज के युग में न केवल पुस्तक आधारित अध्ययन के साथ चलना जरूरी है, बल्कि ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करना जरूरी है जो समाज के लिए पर्यावरण अनुकूल व्यवस्था स्थापित कर सके।
इस दौरान छात्रों को यूनिवर्सिटी की ओर से रजिस्ट्रार डॉ. एस.के मिश्रा द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। स्टूडेंट्स की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान परियोजना में भागीदारी का खर्च, परिवहन एवं आवास के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कुलपति डॉ. सुशील मित्तल, रजिस्ट्रार डॉ. एस.के.मिश्रा और डीन प्रो. (डॉ.) विकास चावला के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।