डेली संवाद, नई दिल्ली। YouTube: YouTube अपने यूजर्स के लिए कई नए फीचर्स को पेश करता है। कंपनी यूजर्स की प्राइवेसी और उनके हेल्थ को लेकर काफी ज्यादा सतर्क हो गई है। यूट्यूब अपने प्लेटफॉर्म पर टीनएजर की सेफ्टी और मेंटल हेल्थ का सपोर्ट करने के लिए काम कर रहा है। जहाँ मीडिया युवाओं के लिए अच्छा है उतना ही बुरा भी है।
ये भी पढ़ें: ट्रैवल एजैंट विनय हरि के खिलाफ DCP से शिकायत, FIR दर्ज करने की मांग
Google के स्वामित्व वाली कंपनी ने अब उनकी प्राइवेसी, सिक्योरिटी और प्लेटफॉर्म पर सुनिश्चित करने के साथ-साथ टीनएजर को उनकी बढ़ती व्यक्तिगत रुचियों को नेविगेट करने में मदद करने के लिए कई फीचर्स की घोषणा की है।
वीडियोज रिकमंडेशन को लिमिट करेगा प्लेटफॉर्म
YouTube ने कहा कि वह उन विषयों से संबंधित वीडियो की बार-बार की जाने वाली रिकमंडेशन को सीमित कर रहा है जो टीनएजर की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालती हैं। यह पहली बार अमेरिका में टीनएजर के लिए किया जा रहा है, अगले वर्ष और अधिक देशों को इसमें जोड़ा जाएगा।
ये भी पढ़ें: जालंधर में महिला के साथ तांत्रिक ने कर डाला ये ‘कांड’
कंपनी ने कहा है कि हमेशा की तरह, हम कंटेंट को हटाने और नाबालिगों को ऐसे वीडियो देखने से रोकने के लिए अपने कम्युनिटी गाइडलाइन्स को लागू करना जारी रख रहे हैं जो चाइल्ड सेफ्टी, अभद्र भाषा और उत्पीड़न पर हमारी नीतियों का उल्लंघन करते हैं।
हेल्पलाइन के लिए YouTube ऐप प्रॉम्प्ट
YouTube ने यह भी घोषणा की कि वह Crisis Resource Panels को एक नए पेज अनुभव में विस्तारित कर रहा है। यह यूजर्स को रुकने और सहायता विषयों का पता लगाने के लिए प्रेरित करेगा जब वे आत्महत्या, आत्म-नुकसान और खाने से संबंधित कुछ प्रश्नों के लिए YouTube पर सर्च करेंगे। यूट्यूब ने यह भी घोषणा की कि वह इस बात को फैलाने के लिए आत्महत्या और खुद को नुकसान पहुंचाने की रोकथाम के विशेषज्ञों के साथ काम कर रहा है।
Crisis Resource Panels से जुड़े नए फीचर्स
यह फीचर भारत सहित सभी उम्र के दर्शकों के लिए लॉन्च की गई है, जहां Crisis Resource Panels उपलब्ध हैं। ये फीचर्स अब शॉर्ट्स और लॉन्ग में फुल-स्क्रीन टेकओवर के रूप में दिखाई देंगी। प्रत्येक 60 मिनट में ब्रेक लेने के लिए एक डिफ़ॉल्ट सेटिंग के साथ, वीडियो दिखेंगी। YouTube ने यह भी घोषणा की कि वह मंच पर टीन की सेफ्टी के लिए विश्वसनीय विशेषज्ञों के साथ साझेदारी कर रहा है।