डेली संवाद, नई दिल्ली। Manipur Violence: केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्र सरकार ने अभी अभी देश के 9 संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही इन सभी संगठनों को चरमपंथी संगठन घोषित कर दिया गया है। जिससे अब इनकी गतिविधियां आतंकी की श्रेणी में आई गई है।
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केंद्र सरकार ने यह फैसला मणिपुर में जारी हिंसा के बीच लिया है। गृह मंत्रालय ने मैतेई समुदाय के 9 संगठनों को चरमपंथी संगठन घोषित किया है। साथ ही संगठनों पर कुछ सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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गृह मंत्रालय ने आज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए) को चरमपंथी संगठन घोषित किया है। इन संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।
इन संगठनों पर लगा प्रतिबंध?
- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए)
- रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ)
- यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ)
- मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए)
- पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके)
- रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी)
- कांगलेई याओल कनबा लुप (केवाईकेएल)
- समन्वय समिति (कोरकॉम)
- एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक (एएसयूके)
मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध
अभी कुछ दिनों पहले मणिपुर की सरकार ने मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध को बढ़ाने का एलान किया था। राज्य सरकार ने मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध को आज यानी 13 नवंबर तक के लिए बढ़ाया है। अधिकारियों ने बताया था कि प्रतिबंध उन चार पहाड़ी जिला मुख्यालयों में लागू नहीं किया जाएगा, जो जातीय संघर्ष से प्रभावित नहीं हैं।