डेली संवाद, नई दिल्ली। YouTube Update: गूगल के पॉपुलर वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब का इस्तेमाल 2 बिलियन से ज्यादा यूजर्स करते हैं। इसी के साथ यूट्यूब पर कंटेंट की भरमार है। इन वीडियो में रियल और सिंथेटिक कंटेंट की पहचान कर पाना एक मुश्किल काम हो सकता है।
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कई बार यूट्यूब वीडियो में ऐसा कुछ दिखाया जाता है, जिसे व्यूअर सच समझ बैठता है और भ्रमित हो जाता है। एआई के इस दौर में यूजर किसी वीडियो को देखकर भ्रमित न हों, इसके लिए कंपनी ने एक नया एलान किया है।
यूट्यूब क्रिएटर्स को करना होगा ये काम
यूट्यूब ने क्रिएटर्स को उनके वीडियो एआई जनरेटेड होने की स्थिति में मार्क करने को कहा गया है। मार्क किए गए वीडियो को प्लेटफॉर्म लेबल्स के साथ दिखाएगा।
लेबल्स के साथ दिखाई देने वाले वीडियो को लेकर व्यूअर आसानी से एआई जनरेटेड वीडियो की पहचान कर सकेंगे। यूट्यूब ने अपने लेटेस्ट पोस्ट के साथ जानकारी दी है कि इस बदलाव को आने वाले हफ्तों में देखा जाएगा।
शॉर्टस पर लागू होगा फैसला
यूट्यूब क्रिएटर्स अगर अपनी वीडियो में एआई का इस्तेमाल करते हैं तो उनके वीडियो को यूजर आर्टिफिशियल की कैटेगरी की रख सकेंगे। कंपनी का कहना है कि यूट्यूब वीडियो लेबल का यह फैसला फुल लेंथ और शॉर्ट्स दोनों वीडियो पर लागू होगा।
एआई लेबल के साथ नजर आएंगे ये वीडियो
कंपनी ने आगे जानकारी देते हुए कहा है कि सेंसिटिव टॉपिक जैसे कि इलेक्शन, विरोधी विचाराधारा और हेल्थ से जुड़े वीडियो को एआई लेबल्स के साथ दिखाया जाएगा।
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इतना ही नहीं, अगर क्रिएटर्स इस तरह के वीडियो को मार्क नहीं करते हैं तो इस तरह के कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही क्रिएटर को यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम से सस्पेंड भी कर दिया जाएगा।