डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में आज राज्य भर के लोगों ने स्वतंत्रता संघर्ष के महान शहीद करतार सिंह सराभा को उनके शहीदी दिवस पर श्रद्धासुमन भेंट किये। आज यहाँ शहीद करतार सिंह सराभा के शहीदी दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद करतार सिंह सराभा भारत के सबसे नौजवान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने केवल 19 साल की उम्र में अपनी जान कुर्बान कर दी।
उन्होंने कहा कि इतनी छोटी उम्र में शहीद होने वाले करतार सिंह सराभा अपने देश के लिए निस्वार्थ सेवा निभाने के लिए नौजवान पीढिय़ों के लिए सदियों से प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। भगवंत मान ने कहा कि इस महान शहीद ने देश को विदेशी साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त करवाने के लिए अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि ग़दर पार्टी के सक्रिय नेता के तौर पर उन्होंने पहले विदेशों में और फिर देश की आज़ादी के लिए अथक मेहनत की।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इंडियन एयर फोर्स स्टेशन हलवारा, लुधियाना में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट का 80 फीसदी काम मुकम्मल हो चुका है और यह जल्द ही चालू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि यह उस महान शहीद को विनम्र सी श्रद्धांजलि होगी, जिसने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और कहा कि यह महान शहीद देश के लिए निस्वार्थ सेवा निभाने के लिए नौजवान पीढिय़ों के लिए सदियों से प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।
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भगवंत मान ने कहा कि इस महान शहीद ने देश को विदेशी साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त करवाने के लिए अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि ग़दर पार्टी के सक्रिय नेता के तौर पर उन्होंने पहले विदेशों में और फिर देश की आज़ादी के लिए अथक मेहनत की। शहीद भगत सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा और देश के आज़ादी के संघर्ष के दौरान अपनी जान कुर्बान करने वाले अन्य महान शहीदों को भारत रत्न अवॉर्ड देने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महान शहीदों को भारत रत्न अवॉर्ड देने से इस पुरुस्कार का गौरव बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह महान शहीद वास्तव में इस पुरुस्कार के हकदार हैं, क्योंकि उन्होंने देश को अंग्रेज़ों के चंगुल से मुक्त करवाने के लिए महान बलिदान दिए। भगवंत सिंह मान ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश को आज़ाद हुए 75 साल से अधिक समय बीत चुका है परन्तु अभी तक इन महान नेताओं को यह अवॉर्ड नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि शहीदों की आत्माओं को यह देख कर बड़ी चोट लगी होगी कि राज्य के नौजवान रोजग़ार की खोज में विदेशों की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन शहीदों ने अंग्रेज़ों को देश से बाहर करने के लिए अथक मेहनत की, परन्तु यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब हमारे नौजवान अपने माता-पिता की ज़मीनें और गहने गिरवी रख कर विदेशों को जा रहे हैं।