डेली संवाद, चंडीगढ़। Adult Content: अगर आप भी इंटरनेट पर एडल्ट कंटेंट देखते है तो यह खबर आपके लिए है। आज के समय में इंटरनेट पर हर तरह की सामग्री उपलब्ध है। हालाँकि भारत में ऐसी सामग्री पर प्रतिबंध है, लेकिन लोग चोरी-छिपे इंटरनेट पर ऐसी सामग्री देखते हैं।
यह भी सच है कि प्रतिबंध के बावजूद ऐसी सामग्री इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है। हाल के अध्ययनों के अनुसार, कई लोग निजी प्लेटफॉर्म पर ऐसे कंटेंट देखते हैं और सोचते हैं कि इसके बारे में किसी को पता नहीं चलेगा, लेकिन सच्चाई यह है कि जब आप वयस्क सामग्री देख रहे होते हैं, तो हजारों एआई बॉट आपको देख रहे होते हैं।
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इसका मतलब यह कि आप पर 24 घंटे नजर रखी जाती है। जब भी आप अपने मोबाइल पर वयस्क सामग्री देखते हैं, तो इसकी सबसे पहले जानकारी आपके मोबाइल सेवा प्रदाता तक पहुंचती है। इसके साथ ही आपके फोन में मौजूद ऐप्स भी आप पर नजर रख रहे हैं। इस प्रकार की सामग्री देखते समय आपके फ़ोन के ऐप्स एक ख़ुफ़िया एजेंसी की तरह आप पर नज़र रख रहे होते हैं।
इसका मतलब है कि उस समय आपकी पूरी ब्राउजिंग हिस्ट्री ट्रैक की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, आपकी ट्रैकिंग आपके ब्राउजिंग पैटर्न पर आधारित होती है। आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल भी चेक की जाती है। उसके बाद तय होता है कि आपको कौन सा विज्ञापन दिखाना है। अगर किसी को एडल्ट कंटेंट की लत है तो उसे इससे जुड़े विज्ञापन ही दिखाए जाते हैं।
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जो लोग ऐसी सामग्री देखने के लिए सशुल्क सेवाओं का उपयोग करते हैं वे पहले लक्ष्य होते हैं। ऐसे लोगों से भुगतान करते समय उनके बैंक खाते का विवरण लिया जाता है। ऐसे में उनके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है। यदि आप अपने मोबाइल पर वयस्क सामग्री देख रहे हैं या डाउनलोड कर रहे हैं, तो ऐसी सामग्री के माध्यम से मैलवेयर या वायरस भी आपके मोबाइल में प्रवेश कर सकते हैं।
यह मैलवेयर बाद में आपकी जासूसी कर सकता है और आपकी निजी तस्वीरों को सार्वजनिक करने की धमकी देकर आपको ब्लैकमेल कर सकता है। कैस्परस्की लैब की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1.2 मिलियन एंड्रॉइड उपयोगकर्ता वयस्क सामग्री देखने के बाद मैलवेयर से संक्रमित हो गए थे।