डेली संवाद, नई दिल्ली। Property Rates: पिछले कुछ सालों में प्रॉपर्टी की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। महंगी ज़मीन, निर्माण की बढ़ती लागत और लोगों की मांग के कारण आवास की लागत बढ़ती जा रही है। इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच दिल्ली-एनसीआर समेत सभी प्रमुख महानगरों में प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ीं है।
पिछले तीन साल में प्रॉपर्टी के रेट 25 से 33 फीसदी तक बढ़े हैं। इस दौरान एक नया चलन सामने आया है कि लोग अब बड़े घरों और सुविधाओं की ओर अधिक रुझान दिखा रहे हैं। इसके लिए वह भारी कीमत चुकाने को तैयार है। एनसीआर क्षेत्र में, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में संपत्ति की कीमतें पिछले तीन वर्षों में लगभग 27 प्रतिशत बढ़ी हैं।
ये भी पढ़ें: ट्रैवल एजैंट विनय हरि के खिलाफ DCP से शिकायत, FIR दर्ज करने की मांग
इसके अलावा सेक्टर-150 और राजनगर एक्सटेंशन में भी कीमतें 21 से 25 फीसदी तक बढ़ गई हैं। हैदराबाद में 2020 की तुलना में घर की कीमतों में सबसे अधिक 33 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह सात प्रमुख महानगरों में सबसे अधिक है। शहर के मुख्य क्षेत्र गाचीबोली में कीमत 6355 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है, जो 2020 में 4790 रुपये प्रति वर्ग फुट थी।
क्योंकि, कोविड-19 से पहले, हैदराबाद में घर की कीमतें बेंगलुरु जैसे अन्य मेट्रो शहरों की तुलना में कम थीं। इसीलिए यहां सबसे ज्यादा तेजी देखी गई है।अब हैदराबाद और बेंगलुरु में कीमतें बराबरी पर पहुंच गई हैं। बेंगलुरु में कीमतें करीब 29 फीसदी बढ़ी हैं। आईटी क्षेत्र के कारण हैदराबाद और बेंगलुरु में संपत्ति की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है।
ये भी पढ़ें: जालंधर में महिला के साथ तांत्रिक ने कर डाला ये ‘कांड’
पुणे के आईटी हब इलाकों में 22 से 25 फीसदी का उछाल देखा गया है। इन तीन शहरों में जिन क्षेत्रों में आईटी कंपनियां स्थित हैं, वहां कीमतें बढ़ीं। पिछले तीन वर्षों में मुंबई महानगरीय क्षेत्र, चेन्नई और कोलकाता में भी कीमतें बढ़ी हैं। आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई के अलग-अलग इलाकों में कीमतें 13 से 21 फीसदी तक बढ़ गई हैं। वहीं चेन्नई में यह आंकड़ा 15 से 19 फीसदी के बीच रहा है। इस मामले में कोलकाता भी पीछे नहीं है। यहां घरों की कीमत 13 से 24 फीसदी तक बढ़ गई है।