न्यूयॉर्क/ओटावा। Canada News, US News, India News: सिख फार जास्टिस (Sikhs for Justice) के संस्थापक और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या की कोशिश को लेकर गुरुवार को न्यूयॉर्क पुलिस ने निखिल गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
हालांकि ये एफआईआर कई दिन पहले दर्ज की गई है, लेकिन पुलिस द्वारा आज पेश की चार्जशीट में निखिल गुप्ता का नाम सामने आया है। निखिल गुप्ता भारतीय नागरिक हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, आरोपी निखिल गुप्ता को भारत सरकार के एक अधिकारी ने आतंकी पन्नू की हत्या के लिए कहा था।
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हैरानी की बात तो यह है कि न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट में भारतीय अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। उसे CC-1 के नाम से संबोधित किया गया है। चार्जशीट के मुताबिक, CC-1 भारत सरकार की एक एजेंसी का कर्मचारी है, जिसने कई मौकों पर खुद को सीनियर फील्ड अफसर बताया है।
जांच के लिए 18 नवंबर को हाई लेवल कमेटी बनाई
न्यूयॉर्क पुलिस के मुताबिक CC-1 सिक्योरिटी मैनेजमेंट और इंटेलिजेंस के लिए जिम्मेदार है। दरअसल, 22 नवंबर को पब्लिश हुई फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया।
हालांकि, यह नहीं बताया गया था कि हमला किस दिन होने वाला था। जून में PM मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद भारत सरकार ने इसकी जांच के लिए 18 नवंबर को हाई लेवल कमेटी बनाई थी। कहा था कि जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट में क्या है?
न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, भारतीय अफसर ने ये भी बताया था कि वो भारत की सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के लिए काम करता है। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, भारत सरकार के इस अधिकारी ने कहा था कि उसे युद्ध कला में अफसर लेवल की ट्रेनिंग और हथियार चलाना भी सिखाया जा रहा है।
आरोपी निखिल गुप्ता ने अमेरिका के फेडरल एजेंट्स को बताया कि उसे पन्नू के अलावा भी कई लोगों की हत्या करने के लिए कहा गया था। चार्जशीट में सौ डॉलर का बिल भी था, जो आरोपी को एडवांस पेमेंट के तौर पर दिया गया था।
डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, प्रत्यर्पण संधि के तहत चेक रिपब्लिक के अधिकारियों ने आरोपी निखिल गुप्ता को 30 जून को गिरफ्तार किया था। दोषी साबित होने पर उसे 20 साल जेल की सजा हो सकती है।
कौन है आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू
सिख फार जास्टिस (Sikhs for Justice) के संस्थापक और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) मूल रूप से पंजाब के अमृतसर के खानकोट के गांव का है। पंजाब यूनिवर्सिटी से गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कानून की पढ़ाई की है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू के पिता महिंदर सिंह पंजाब स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के कर्मचारी थे। पन्नू फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहा है और सिख फार जास्टिस (Sikhs for Justice) का कानूनी सलाहकार भी है। पन्नू अमेरिका के साथ साथ कनाडा का भी निवासी है।
पन्नू अमेरिका, कनाडा के अलावा ब्रिटेन में अपने संगठन के जरिए भारत विरोधी प्रोपेगैंड चला रहा है। खालिस्तान के मांग के नाम पर वह भारत खासकर पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश में जुटा रहता है। जिससे कई बार पंजाब के कई शहरों की दीवारों पर खालिस्तान की मांग लिखवा चुका है।
पन्नू की हत्या की ऐसे रची गई साजिश
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, भारतीय अधिकारी के आदेश पर निखिल गुप्ता ने एक अपराधी से पन्नू को मरवाने के लिए कॉन्टैक्ट किया। लेकिन असल में ये अपराधी अमेरिकी एजेंट था। इस एजेंट ने निखिल की पहचान एक और अंडरकवर अधिकारी से करवाई जो हत्या को अंजाम देने वाला था। इसके लिए करीब 83 लाख रुपए की डील हुई थी।
डील होने के बाद भारतीय अधिकारी CC-1 ने गुप्ता को पन्नू के न्यूयॉर्क वाले घर का पता, उसका फोन नंबर और उसकी दिनचर्या से जुड़ी पूरी जानकारी दी। गुप्ता ने इसे बाकी लोगों तक पहुंचाया। गुप्ता ने अंडरकवर अधिकारी को जल्द से जल्द काम पूरा करने को कहा।
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हालांकि, उसे उन तारीखों पर हत्या न करने को कहा गया जब भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच हाई-लेवल बैठकें होनी थीं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, उसी महीने PM मोदी अमेरिका के दौरे पर पहुंचे थे। चार्जशीट के मुताबिक, गुप्ता ने हिटमैन को बताया था कि हरदीप सिंह निज्जर भी उनके टारगेट्स की लिस्ट में था।
कनाडा में उसकी हत्या के बाद CC-1 ने गुप्ता को पन्नू से जुड़ा एक न्यूज आर्टिकल भेजा था। इसमें भारतीय अधिकारी ने कहा था कि उसे मारना अब प्राथमिकता है। इसे लेकर अब अमेरिका में चार्जशीट पेश की गई है।