डेली संवाद, कपूरथला। IKGPTU: देश की आबादी में युवाओं की संख्या अधिक है, युवा शक्ति ही देश का भविष्य है। यही शक्ति मिलकर, बेहतर आइडिया से काम करते हुए, 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाएगी। विभिन्न बेहतर आइडिया के लिए देश में “विकसित भारत 2047” विषय से अभियान शुरू है, आइये मिलकर इसमें भागीदारी निभाएं।
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यह निमंत्रण आई. के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आई.के.जी पी.टी.यू) के कुलपति डॉ. सुशील मित्तल की तरफ से युवा पीढ़ी को दिया गया है। कुलपति डॉ. मित्तल यूनिवर्सिटी के मुख्य कैम्पस में आयोजित “विकसित भारत 2047” विशेष सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने इस अभियान में 25 दिसंबर तक अपना आइडिया दर्ज करवाने के लिए स्टूडेंट्स को भारत सरकार की सबन्धित वेबसाइट mygov.in पर “विकसित भारत 2047” के तले अपना आइडिया दर्ज कराने को प्रेरित किया। कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. एस.के मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
स्टूडेंट्स के बीच विषय की अहमियत चर्चा की
उन्होंने स्टूडेंट्स के बीच विषय की अहमियत चर्चा की। कार्यक्रम का आयोजन छात्र कल्याण विभाग की ओर से किया गया। डीन अकादमिक प्रोफेसर (डॉ.) विकास चावला ने मुख्य वक्ता के रूप में सभी को संबोधित किया। उन्होंने सभी से अंदर के भाव को इस संदर्भ में जागृत करते हुए ईमानदार प्रयास के लिए प्रेरित किया।
2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना
डीन छात्र कल्याण डॉ. गौरव भार्गव ने “विकसित भारत” विषय पर जानकारी साझा की। इसका लक्ष्य देश को उसकी आजादी के 100वें वर्ष यानी 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है। देश के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी इस विजन में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलू शामिल हैं।
युवाओं की आवाज को पहचाना जाएगा
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यू.जी.सी) ने इस संदर्भ में सभी युवाओं के लिए इसमें भागीदारी की प्रक्रिया भी जारी की है। अभियान के तहत युवाओं की आवाज को पहचाना जाएगा और उनके विचारों को संबोधित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विषय के लिए 3 पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
इस अवसर पर डीन फैकल्टी डा.सतबीर सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार इंजीनियर सुनील कुमार, डिप्टी रजिस्ट्रार रजनीश शर्मा, सहायक प्रोफेसर एवं एन.एस.एस इंचार्ज डॉ.चंद्र प्रकाश, सहायक निदेशक (यूथ सर्विसेस) समीर शर्मा व अन्य उपस्थित रहे। इस सत्र में यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स, फैकल्टी, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मिलकर हिस्सा लिया।