डेली संवाद, नई दिल्ली। Income Tax: जब भी टैक्स सेविंग की बात आती होती है तो अक्सर लोगों को सेक्शन 80C और 80D के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए अप्लाई करते हैं। आपको बता दें कि आप 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती कर सकते हैं।
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वहीं, सेक्शन 80D के तहत आप मेडिकल के खर्चों पर टैक्ट कटौती का लाभ पा सकते हैं। इसके अलावा भी कई सेक्शन है जिसके जरिये आप आसानी से टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं। आइए, जानते हैं कि आप किस इन्वेस्टमेंट में टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं।
प्रोविडेंट फंड (Provident Fund)
कर्मचारी भविष्य निधि में कर्मचारी द्वारा जो भी निवेश किया जाता है वो टैक्स-फ्री होता है। इस टैक्स कटौती का लाभ केवल कर्मचारी को मिलता है। नियोक्ता को सेक्शन 80C के तहत कोई टैक्स कटौती का लाभ नहीं मिलता है।
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पीपीएफ में निवेश राशि के साथ ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। पीपीएफ योगदान आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत यह कर कटौती के लिए पात्र है।
होम लोन (Home Loan)
होम लोन में जओ मूल राशि का भुगतान होता है उस पर भी टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। लोनधारक आयकर अधिनियम के 80EE के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए दावा कर सकते हैं। एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक की कटौती के लिए दावा किया जा सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड (Infrastructure Bonds)
इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड में निवेश की गई राशि पर भी आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी में कवर किया जाता है। इस बॉन्ड में निवेश राशि 2,000 रुपये या उससे ज्यादा होना चाहिए। सरकार निवेश शुल्क पर 80सी के तहत कर कटौती की सुविधा देती है।