डेली संवाद, नई दिल्ली। Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो (Bilkis Bano Case) सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने के फैसले को रद्द कर दिया गया है।
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बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी दोषियों की सजा में मिली छूट को रद्द कर दिया। गुजरात सरकार ने पिछले साल मामले में 11 दोषियों को रिहा किया था।
11 दोषियों को वापस जाना होगा जेल
जिससे अब कोर्ट के फैसले के बाद सभी 11 दोषियों को वापस जेल जाना होगा। बेंच ने कहा कि गुजरात सरकार को रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। वह दोषियों को कैसे माफ कर सकती है। सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो रिहाई पर फैसला भी वहीं की सरकार करेगी।
11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को किया था रिहा
गुजरात सरकार ने 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रिहा कर दिए गए थे। बता दे कि बिलकिस बानो ने गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ 30 नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई थीं।
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गुजरात में गोधरा कांड के बाद 3 मार्च 2002 को दंगे भड़के थे। दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई। बिलकिस अपने परिवार के साथ एक खेत में छिपी थीं। तब वे 5 महीने की गर्भवती थीं।
बिलकिस समेत मां और तीन और महिलाओं का भी किया रेप
दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया। उनकी मां और तीन और महिलाओं का भी रेप किया गया। इस हमले में उनके परिवार के 17 सदस्यों में से 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 6 लोग लापता पाए गए, जो कभी नहीं मिले। हमले में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे।