डेली संवाद, इंदौर। Swachh Sarvekshan 2024: स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में भी इंदौर नंबर-1 शहर बना है। पिछले कई साल से इंदौर सफाई के मामले में देश के सभी शहरों में टाप पर है। यही नहीं, पहली बार सूरत को भी संयुक्त तौर पर सबसे स्वच्छ शहर बन गया। स्वच्छता हमारे संस्कार में है, इसलिए हम नंबर वन हैं। वहीं सफाई के मामले में पंजाब काफी पिछड़ गया है।
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वीरवार को दिल्ली के भारत मंडपम में समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुरस्कार लिया। इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थे। तीसरे स्थान पर नवी मुंबई को मिला।
मध्य प्रदेश को दूसरे सबसे स्वच्छ राज्य का दर्जा
राज्यों के स्वच्छता रैंकिंग में मध्य प्रदेश को दूसरे सबसे स्वच्छ राज्य का दर्जा मिला है। महाराष्ट्र इस मामले में पहले नंबर पर आया है। प्रदेश भर में आम लोगों से मिली प्रतिक्रिया (फीडबैक), स्वच्छता को लेकर प्रदेश भर में चलाई गई परियोजनाएं, बजट आवंटन आदि के आधार पर प्रदेशों की स्वच्छ रैकिंग तय की जाती है।
छत्तीसगढ़ तीसरे नंबर पर रहा
स्वच्छ राज्यों में छत्तीसगढ़ तीसरे नंबर पर रहा। पिछले साल मप्र को देश का सबसे स्वच्छ राज्य चुना गया था, वहीं छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर था। इस तरह दोनों राज्यों की रैंकिंग एक-एक पायदान गिरी है। भोपाल को देश की स्वच्छतम राज्य राजधानी का खिताब मिला है। भोपाल ने पिछले साल भी यह तमगा हासिल किया था।
मध्य़ प्रदेश का भोपाल पांचवां सबसे स्वच्छ शहर
देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों की श्रेणी में भोपाल को देश का पांचवां सबसे स्वच्छ शहर चुना गया। महापौर मालती राय के साथ नगर निगम कमिश्नर फ्रेंक नोबल ए ने राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार ग्रहण किया। पिछले साल भोपाल देश के सबसे स्वच्छ शहरों में छठवें नंबर पर रहा था।
वहीं वर्ष 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी। 01 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में प्रदेश के नौरोजाबाद को फास्ट मूविंग सिटी का पहला और अमरकंटक को दूसरा पुरस्कार मिला।
हरदीप सिंह पुरी बोले- सफाई जारी रहेगी
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने की मांग की थी और खुले में शौच जाने को खत्म करने का बिड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी को स्वच्छ भारत से बेहतर तोहफा कैसे होगा। यह मिशन एक आंदोलन बन गया। इसमें सभी ने श्रमदान किया। यह अब अभिन्न अंग बन गया है। सख्त प्रक्रिया है।
साल 2016 में यह सर्वेक्षण शुरू हुआ जो अब सबसे बड़ा सर्वेक्षण बन गया है। लगभग सभी शहरों और गांवों में बड़ी संख्या में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। 2014 में 14 से 15 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग होती थी, लेकिन अब 75 से 76 प्रतिशत तक कचरा प्रोसेस होता है। स्वच्छता केवल आदत नहीं है, यह एक आंदोलन। एक अगली पीढ़ी भी इस आंदोलन में भाग ले रही है।
गायक कैलाश खेर ने स्वच्छता एंथेम की प्रस्तुति दी
ओडिशा के सैंड आर्ट कलाकार सुदर्शन पटनायक ने कार्यक्रम की शुरुआत भारत में स्वच्छता की शुरुआत को अपनी कला से दर्शाया। बालीवुड के ख्यात गायक कैलाश खेर ने स्वच्छता एंथेम की प्रस्तुति दी। वर्ष 2017 से इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आ रहा है। जनभागीदारी, नवाचारों और आपसी समन्वय वाले जज्बे ने ही हमें देश के दूसरे शहरों से आगे बनाए रखा है।
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इंदौर को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि दूसरे शहर जब किसी बात को करने का सोचते हैं, इंदौर उसे कर चुका होता है। आज जब देश के दूसरे शहर स्वच्छता का महत्व समझकर इसे अपनाने के बारे में विचार कर रहे हैं, हम स्वच्छता का सातवां आसमान छू चुके हैं। स्वच्छता को लेकर कहा जाता है कि यहां के लोगों की सिर्फ आदत नहीं, बल्कि त्योहार और संस्कार है।
समारोह के साक्षी बनने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगमायुक्त हर्षिका सिंह, अपर आयुक्त, महापौर परिषद के सदस्य, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (सीएसआइ), सात सफाई मित्र, दो दरोगा दिल्ली पहुंच चुके हैं। शहरवासी भी इस समारोह के साक्षी बनें, इसके लिए नगर निगम ने शहर के प्रमुख पर समारोह के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की है।