टोरंटो। Canada News: कनाडा में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव जारी है। निज्जर की हत्या का असर कनाडा की इमीग्रेशन पर भी पड़ने लगा है। कनाडा सरकार एक राजनीतिक जंग के बीच भारतीयों छात्रों पर कहर ढाने जैसा फैसला ले रहा है। इसमें कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या सीमित करने जैसे कई योजनाएं शामिल हैं।
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कनाडा ने यह कहते विदेशी छात्रों की संख्या सीमित करने का फैसला किया है कि कनाडा के पास रहने के लिए अब घर नहीं बचे हैं। यानी कनाडा आवास संकट से जूझ रहा है। इस दौरान कनाडा ने एक डेटा जारी किया है। इस डेटा में इमिग्रेशन आंकड़े दिए गए हैं। इमीग्रेशन आंकड़ों के अनुसार 62,410 छात्र 2023 में देश के स्थायी निवासी बन गए।
कनाडा में तेजी के साथ बढ़े विदेशी छात्र
कनाडा सरकार के नवंबर 2023 आप्रवासन शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) डेटा के अनुसार, यह संख्या 2022 में अंतरराष्ट्रीय छात्र बनने वाले 52,740 अंतरराष्ट्रीय स्नातकों में से 9,670 की वृद्धि दर्शाती है। इमिग्रेशन एक्सपर्ट के अनुसार, कनाडा की अधिकांश जनसंख्या वृद्धि अब दुनिया में सबसे तेज विदेशी छात्रों, गैर-स्थायी निवासियों और अस्थायी विदेशी श्रमिकों से है।
विदेशी छात्रों की संख्या सीमित करेगा कनाडा
कनाडा ने वृद्ध श्रमिकों की जगह लेने और श्रम अंतराल को भरने के लिए आप्रवासियों के लिए अपने दरवाजे खोले लेकिन संख्या में उछाल ने देश के संसाधनों पर दबाव डाला। पिछले सप्ताह आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा था कि वह देश में प्रवेश करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों और अस्थायी निवासियों की संख्या का बारीकी से विश्लेषण करेंगे।
कनाडा में आ सकती है आर्थिक मंदी
आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि वह विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जिसमें परमिट में सुधार और गैर-स्थायी निवासियों की संख्या सीमित करना शामिल है। इस बीच मॉन्ट्रियल स्थित डेसजार्डिन्स सिक्योरिटीज ने चेतावनी दी कि कनाडा में अस्थायी श्रमिकों और विदेशी छात्रों के लिए दरवाजे बंद करने से देश में आर्थिक मंदी गहरा जाएगी।
वास्तविक जीडीपी 2024 में 0.7 प्रतिशत गिर जाएगी
पूंजी बाजार कंपनी की भविष्यवाणियों के अनुसार, देश की वास्तविक जीडीपी 2024 में 0.7 प्रतिशत गिर जाएगी और अगले चार वर्षों में सालाना औसतन 1.78 प्रतिशत की वृद्धि होगी। ऐसे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कई रास्ते उपलब्ध हैं जो कनाडा के स्थायी निवासी बनना चाहते हैं, और उनमें से सबसे तेज एक्सप्रेस एंट्री प्रोग्राम है।
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अंतर्राष्ट्रीय छात्र हर साल कनाडा में स्थायी निवास का विकल्प चुनने वाले सबसे बड़े समूह का गठन करते हैं, जिसमें भारतीयों की हिस्सेदारी सबसे अधिक होती है। मंत्री मिलर के अनुसार, दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद के कारण पिछले साल भारतीय छात्रों को दिए जाने वाले परमिट की संख्या में चार प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन वे सबसे बड़ा समूह बने रहे।