डेली संवाद, नई दिल्ली। Form 16: सैलरी पाने वाले लोगों के लिए फॉर्म 16 (Form 16) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जिसका उपयोग आईटीआर फाइल करने के लिए किया जाता है। ये टीडीएस सर्टिफिकेट (TDS Certificate)का भी काम करता है।
ये भी पढ़ें: कनाडा सरकार दे रही है मुफ्त में जमीन, नौकरी के साथ PR पाना भी हुआ आसान
आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 (Form 16) एक जरूरी दस्तावेज है। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक हर कंपनी के कर्मचारी जिनका कि टैक्स काटा जाता है, उनके लिए कंपनी को फॉर्म 16 जारी करना अनिवार्य है। इतना ही नहीं, कंपनियों को इसके लिए एक तय समय लिमिट का भी ध्यान रखना होता है।
किन कर्मचारियों के लिए जारी होता है Form 16
हर साल 15 जून तक कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए इस फॉर्म को जारी कर देती हैं। यह फॉर्म कंपनी के मौजूदा कर्मचारियों के साथ-साथ बीते वित्त वर्ष में कंपनी के लिए काम कर चुके पुराने कर्मचारियों के लिए जारी होता है।
यहां सवाल यह आता है कि इनकम टैक्स फाइल करने के लिए जरूरी यह फॉर्म क्या है और इसमें किस तरह की जानकारियां होती हैं।
Form 16 क्या होता है
एक वित्त वर्ष के दौरान किसी सैलरीड पर्सन की सैलरी से काटे गए टैक्स और टैक्स छूट की जानकारी वाला फॉर्म Form 16 है।
इस फॉर्म के दो हिस्से होते हैं- पार्ट A और पार्ट B। इस फॉर्म के दोनों हिस्सों को TRACES पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं।
फॉर्म के पार्ट A में किसी वित्त वर्ष के लिए काटे गए टीडीएस की जानकारी होती है। इस पार्ट में कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी का पैन और कंपनी का टैन नंबर होता है।
ये भी पढ़ें: जालंधर के Board to Abroad के ट्रेवल एजैंट पर महिला ने लगाए सनसनीखेज आरोप
फॉर्म के पार्ट B में कर्मचारी की सैलरी, अलाउंस, एचआरए और स्पेशल अलाउंस से जुड़ी जानकारी होती है। इस पार्ट में कर्मचारी को कंपनी की ओर से मिलने वाली दूसरी सुविधाएं भी शामिल होती हैं।
प्रभु श्रीराम के आगमन की खुशी में चारों तरफ है उल्लास






