डेली संवाद, नई दिल्ली। Study In Canada: पंजाब के ज्यादातर छात्र कनाडा (Canada) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) जैसे देशों की तरफ अपना रुख कर रहे है जिससे कि पंजाब के कॉलेज और यूनिवर्सिटीज अब खाली होने की कगार पर आ गए है।
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इस बात का खुलासा All India Survey on Higher Education (AISHE) 2021-22 की रिपोर्ट में किया गया है। जारी किए आंकड़ों के अनुसार पिछले 5 सालों में पंजाब के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कुल नामांकन में कम से कम एक लाख छात्रों की गिरावट देखी गई है।
पंजाब का GER राष्ट्रीय स्तर से कम किया गया दर्ज
वहीं दूसरी तरफ एक साल में राज्य में कुल नामांकन में थोड़ी बढ़ोतरी भी हुई है। हालाँकि, पंजाब का सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio), जो किसी जनसंख्या के भीतर उच्च शिक्षा में भागीदारी के स्तर का एक प्रमुख संकेतक है, राष्ट्रीय स्तर से कम दर्ज किया गया है।
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पंजाब का GER केवल 27.4 दर्ज किया गया है, जो राष्ट्रीय औसत 28.4 से कम है। पंजाब का GER चिंताजनक रूप से 2017-18 में 29.2 से गिरकर 2021-22 में 27.4 हो गया है। AISHE 2021-22 के लिए GER की गणना 2011 की जनगणना से प्राप्त जनसंख्या अनुमान पर की गई है।
2021-22 में कम हुआ नामांकन
AISHE रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार, 2017-18 में पंजाब में कुल नामांकन 9.59 लाख था जो 2021-22 में घटकर 8.58 लाख हो गया, जो 2020-21 से थोड़ा बेहतर था जब नामांकन घटकर 8.33 लाख हो गया था। जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या पांच साल पहले की तुलना में कम से कम एक लाख कम हो गई है।
प्रवासन में तेजी साल 2015 के बाद से हुई शुरू
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) द्वारा पंजाब में प्रवासन पैटर्न पर किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि राज्य से प्रवासन में तेजी 2015 के बाद से शुरू हुई है और 40% से अधिक प्रवासी स्टडी वीजा (Study Visa) पर कनाडा गए है।
पंजाब का GER बाकि राज्यों की तुलना में भी कम
AISHE डेटा से इस बात का भी पता चलता है कि पंजाब का GER जो केवल 27.4 है, न केवल राष्ट्रीय औसत 28.4 से नीचे है, बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा (33) और हिमाचल प्रदेश (43.1) सहित अन्य राज्यों की तुलना में भी काफी कम है।
गुजरात का GER पंजाब से भी कम
गुजरात, एक अन्य राज्य जिसने प्रवासन में तेजी देखी है जिसका GER केवल 24 दर्ज किया है, जोकि पंजाब से भी कम है। उच्च GER वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ (64.8), पुडुचेरी (61.5), दिल्ली (49), तमिलनाडु (47), हिमाचल प्रदेश (43.1), उत्तराखंड (41.8), केरल (41.3) और तेलंगाना (40) हैं।
AISHE रिपोर्ट में लेवल-वाईस नामांकन डेटा के अनुसार कक्षा 12 (Undergraduate Courses) के बाद के छात्रों की संख्या 2017-18 में 6.88 लाख से घटकर 2021-22 में 6.13 लाख हो गई है। वहीं दूसरी तरफ यह संख्या 2020-21 में 5.86 लाख से थोड़ा सुधरी है।
वहीं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में (Postgraduate Courses) पंजाब में नामांकन पांच वर्षों में 1.17 लाख से घटकर 1.10 लाख हो गया है, लेकिन 2020-21 में 1.04 लाख से बढ़ गया है।