टोरंटो। Canada News: कनाडा ने पंजाब के एक युवक को भारत डिपोर्ट कर दिया है। पंजाब के रहने वाले 26 वर्षीय युवक को कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में एक कार दुर्घटना में एक महिला और उसकी बुजुर्ग मां की मौत के मामले में दोषी पाए जाने के एक साल से भी कम समय बाद भारत निर्वासित कर दिया गया है।
ये भी पढ़ें: जालंधर के Board to Abroad के ट्रेवल एजैंट पर महिला ने लगाए सनसनीखेज आरोप
जानकारी के मुताबिक यह युवक स्टूडेंट वीजा पर 2016 में कनाडा गया था। इस युवक का नाम बिपिनजोत गिल बताया जा रहा है। गिल ने 18 मई, 2019 को कैलगरी में लाल बत्ती पार कर ली, इससे 31 वर्षीय उज़्मा अफ़ज़ल और उनकी मां, 65 वर्षीय बिलक़ीस बेगम की मौके पर ही मौत हो गई।
अपराध किया और उसे दोषी ठहराया गया
कैलगरी हेराल्ड अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने संघीय अदालत के न्यायाधीश द्वारा निर्वासन आदेश पर रोक लगाने के उनके प्रयासों को खारिज कर दिए जाने के बाद उन्होंने कनाडा छोड़ दिया। न्यायाधीश शिरज़ाद अहमद ने अपने फैसले में कहा, “आवेदक ने एक गंभीर अपराध किया और उसे दोषी ठहराया गया। लोगों की जान चली गई।
मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जूझ रहे हैं
पीड़ितों के परिवार अपने परिवार के सदस्यों को फिर कभी नहीं देख पाएंगे।” उन्होंने गिल के उन दावों को भी खारिज कर दिया कि भारत लौटने पर उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज न करा पाने के कारण नुकसान उठाना पड़ेगा। “और जबकि (गिल) मादक द्रव्यों के सेवन और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जूझ रहे हैं, उन्हें अदालत द्वारा उनके आचरण के लिए आपराधिक रूप से जिम्मेदार पाया गया है।”
हुंडई कार चला रहे थे गिल
गिल, जो दुर्घटना के समय 21 वर्ष के थे, हुंडई कार चला रहे थे, जो 18 मई, 2019 की सुबह मेटिस ट्रेल और 128 एवेन्यू एन.ई. के चौराहे पर टोयोटा कोरोला से टकरा गई। घटना में दो महिलाओं को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया और टोयोटा के ड्राइवर, बेगम के पति व उज़्मा के पति को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया।
2023 में मामले में दोषी ठहराया गया
गिल को अप्रैल 2023 में मामले में दोषी ठहराया गया था और नवंबर में घर में नजरबंदी, 300 घंटे की सामुदायिक सेवा और एक साल की परिवीक्षा की सजा सुनाई गई थी। न्यायाधीश ने कहा कि दुर्घटना के तीन महीने बाद, गिल को अगस्त 2019 में खतरनाक ड्राइविंग और भागने का भी दोषी ठहराया गया।
ये भी पढ़ें: कनाडा सरकार दे रही है मुफ्त में जमीन, नौकरी के साथ PR पाना भी हुआ आसान
द हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार मामले में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें 6 सितंबर, 2022 को निर्वासन आदेश जारी किया गया था। गिल के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के पास निर्वासन आदेश पर रोक लगाने के लिए समय समाप्त हो गया और उन्होंने बहुत लंबे समय तक कानूनी सलाह के बिना काम किया।
पंजाब के मूल निवासी गिल ने 2018 में बो वैली कॉलेज से दो साल का डिप्लोमा हासिल किया। उनके माता-पिता और भाई अस्थायी वीजा पर कनाडा में हैं, जबकि उनके चाचा और दादा-दादी कनाडाई नागरिक हैं।