डेली संवाद, नई दिल्ली। Car Tips: दुनियाभर में इंजन वाली कारों का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। जिनके इंजन के तापमान को कम रखने के लिए कूलेंट का उपयोग होता है।
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लेकिन अगर कार में कूलेंट की कमी हो जाए तो फिर इंजन को बड़ा खतरा हो जाता है।
क्या है कूलेंट का काम
कार के इंजन को ठंडा रखने की जिम्मेदारी कूलेंट की होती है। यह एक तरह का द्रव होता है जिसका हरा रंग होता है। हालांकि इसका रंग कई बार हरे की जगह लाल भी होता है। कूलेंट होने पर इंजन ज्यादा चलने पर भी ठंडा रहता है।
लीक होने पर होगी परेशानी
कई बार कार में कूलेंट लीक होने लगता है। जिससे कई परेशानियां सामने आने लगती हैं। अगर कूलेंट को इंजन तक पहुंचाने वाले पाइप में लीकेज हो तो यह कार के अंदर ही गिरता रहता है।
जिससे इसकी मात्रा लगातार कम होने लगती है। ऐसे में इंजन तक उचित मात्रा में कूलेंट नहीं पहुंच पाता और इंजन ओवरहीट भी हो सकता है।
इंजन को बड़े नुकसान का खतरा
अगर आपकी कार में कूलेंट की मात्रा कम होती है तो ऐसा होना निश्चित है कि आपकी कार ओवरहीट हो जाएगी। अगर कार में कूलेंट की मात्रा कम रहेगी तो कार में इंजन का तापमान बढ़ जाता है और लंबे समय में कार के इंजन के कई पार्ट्स पर इसका खराब असर होता है।
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इसके अलावा कार चलाते समय कूलेंट की मात्रा कम होने पर इंजन को ज्यादा क्षमता के साथ काम करना पड़ता है जिससे कार का एवरेज भी कम हो जाता है। इसके साथ ही सबसे खराब स्थिति में कार के इंजन के ओवरहीट होने से आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।