डेली संवाद, नई दिल्ली। Job Losses: साल 2023 समाप्त हो रहा है। यह साल भारतीय आईटी कंपनियों खासकर स्टार्टअप्स के लिए कई मायनों में अहम साबित हुआ है। 2023 में लगभग पूरे साल भर विभिन्न कंपनियों में छंटनी की खबरें आईं।
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मीडिया में आई खबरों के अनुसार 2023 में, लगभग 100 भारतीय स्टार्टअप्स में 15,000 से अधिक कर्मचारियों को छंटनी का सामना करना पड़ा। लेऑफ्स डॉट एफवाईआई के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय तंगी से जूझ रही कई कंपनियों ने अपना खर्च कम करने के लिए छंटनी का सहारा लिया। आईए जानते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन से प्रमुख स्टार्टअप्स हैं।”
बायजू (Byju)
बायजू ने इस साल छंटनी के अपने दूसरे दौर में 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। खबरों के अनुसार, कर्मचारियों का वेतन जुटाने की कवायद में बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन को अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा।
पेटीएम (Paytm)
पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने परिचालन को अनुकूल बनाने और कर्मचारियों की लागत को 15 प्रतिशत तक कम करने के लिए छंटनी का फैसला किया है।

कपनीं ने अपने सैकड़ों कर्मचारियों कोबाहर कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार पेटीएम के विभिन्न विभागों में 1,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
बीते कुछ महीनों के दौरान हुई छंटनी के तहत भुगतान, उधार, संचालन और बिक्री जैसे डिवीजन प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार करीब कंपनी के कुल कार्यबल का करीब दस प्रतिशत छंटनी की चपेट में आया है।
मीशो (Meesho)
ई-कॉमर्स वेबसाइट मीशो ने हाल ही में छंटनी का तीसरा दौर शुरू किया, इसके तहत 15% कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार इस फैसले को कंपनी के संस्थापक और सीईओ विदित आत्रेय ने एक ईमेल के जरिए साझा किया। सभी प्रभावित कर्मचारियों को नोटिस अवधि के साथ-साथ ईएसओपी के बाद एक महीने का अतिरिक्त वेतन मिलेगा, भले ही वे कंपनी के साथ कितने भी समय तक रहे हों।
उड़ान (Udaan)
बिजनेस टू बिजनेस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उड़ान ने इस साल कथित तौर पर 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। यह संख्या उसके उसके कुल कर्मचारियों का लगभग 10 प्रतिशत है।
उड़ान ने अपनी आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने और नए वित्त पोषण के साथ विक्रेता साझेदारी को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
माना जा रहा है कि इसी के तहत छंटनी का फैसला लिया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान की छंटनी उसके संचालन के तरीके में बुनियादी बदलाव के कारण हुई है।
मोहल्ला टेक (शेयरचैट, मोज) (Mohalla Tech (ShareChat, Moz))
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शेयरचैट और शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म मोज चलाने वाली मोहल्ला टेक प्राइवेट लिमिटेड ने भी 2023 में अपने लगभग 20% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया।
कंपनी ने इस कारण छंटनी का कारण पूंजी की लागत और उपलब्धता को प्रभावित करने वाले “बाहरी मैक्रो कारकों” को बताया। छंटनी के अपने दूसरे दौर में, गूगल से सहायता प्राप्त शेयरचैट ने भी अपने लगभग 15% कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया।
रिपोर्ट्स में कंपनी के हवाले से बताया गया कि स्थानीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अगले डेढ़ साल में लाभदायक बनने के लिए लागत में कटौती करना चाहता है। छंटनी से विभिन्न क्षेत्रों के करीब 200 कर्मचारियों के प्रभावित होने की आशंका है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कुल 1300 कर्मचारियों की छंटनी का दवा किया गया।
डुंजो (Dunjo)
2023 में डुंजो नाम स्टार्टअप ने भी 30 प्रतिशत कर्मचारियों के छंटनी की घोषणा की। रिपोर्ट्स के अनुसार छंटनी की इस कवायद के दौरान कंपनी के करीब 300 कर्मचारी बाहर हो गए।
रिपोर्ट्स के अनुसार किराना डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने गूगल और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे दिग्गज निवेशकों से करीब 75 मिलियन डॉलर का वित्त पोषण भी हासिल किया है।
स्विगी (Swiggy)
लेऑफ डॉट एफवाईआई के अनुसार, स्विगी ने साल 2023 में उत्पाद, इंजीनियरिंग और परिचालन विभागों में 380 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। कंपनी ने अपना मीट मार्केटप्लेस भी बंद करने का फैसला किया है।

जेस्टमनी (Zestmoney)
जेस्टमनी प्रबंधन ने कुछ समय पहले एक टाउन हॉल में कर्मचारियों को सूचित किया कि कंपनी अपना परिचालन बंद कर रही है। कंपनी ने उस दौरान अपने कर्मचारियों से नई नौकरियों की तलाश करने के लिए कहा है।
कंपनी ने कहा है कि वह केवल 31 दिसंबर तक उनके वेतन का भुगतान करने में सक्षम होगी। फोनपे के साथ अधिग्रहण सौदा टूटने के तुरंत बाद बेंगलुरु स्थित बाय-नाउ-पे-लेटर प्लेटफॉर्म जेस्टमनी ने छंटनी का एलान किया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, फिनटेक कंपनी ने अपनी व्यवसाय निरंतरता और अस्तित्व योजनाओं के हिस्से के रूप में अपने कर्मचारियों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की कटौती की। कई रिपोर्ट्स में इस छंटनी का पहले ही दावा किया गया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के इस फैसले से करीब 100 कर्मचारी प्रभावित होंगे।
ओला (OLA)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2023 में ओला ने भी अपने लगभग 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिन लोगों को नौकरी से निकाला गया है, वे मूल कंपनी ओला कैब्स और उसकी सहायक कंपनियों ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और ओला इलेक्ट्रिक से ताल्लुक रखते हैं।
कॉइनडीसीएक्स (Coindcx)
क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स के संस्थापकों सुमित गुप्ता और नीरज खंडेलवाल ने 22 अगस्त 2023 को एक ब्लॉग पोस्ट में दावा किया कि बदलती व्यावसायिक प्राथमिकताओं और चुनौतीपूर्ण कारोबारी माहौल को देखते हुए लगभग 12 प्रतिशत कर्मचारियों को कंपनी से बाहर करने का फैसला किया गया है।
कंपनी ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब क्रिप्टो स्टार्टअप विशेष रूप से भारत में एक्सचेंज, नियामकीय अनिश्चितता से जूझ रहे हैं। उच्च करों और टीडीएस शुल्कों के कारण पिछले एक साल में इनके ट्रेडिंग वॉल्यूम में 85 से 90 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है।
साल 2023 में वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप इकोसिस्टम और व्यवसायों के लिए कठिन मैक्रो परिस्थिति बना रहा। खासकर क्रिप्टो बाजार मंदी और घरेलू एक्सचेंज पर टीडीएस के प्रभाव जुड़ी चुनौतियों से जूझता रहा।
गुप्ता और खंडेलवाल ने ब्लॉग पोस्ट में कहा, “इन कारकों ने हमारे वॉल्यूम और राजस्व पर बहुत असर डाला है। इससे निपटने के लिए हमने कई फैसले किए हैं। हमने अपनी दीर्घकालिक कारोबारी रणनीति के अनुरूप कुछ पहलों/उत्पादों को भी प्राथमिकता दी है।”
2023 में स्टार्टअप्स में छंटनी का क्या रहा कारण?
भारतीय स्टार्टअप्स के लिए साल 2023 फंडिंग के लिहाज से काफी निराशाजनक रहा। इसमें काफी गिरावट देखी गई, खासकर लेट-स्टेज और ग्रोथ राउंड में दिक्कतें देखी गईं।
फंडिंग की इस कमी ने स्टार्टअप्स को अपने खर्च का पुनर्मूल्यांकन करने और संचालन को अनुकूलित करने के लिए मजबूर किया, जिसके कारण कंपनियों ने छंटनी का फैसला किया। इसके अलावे, आईएमएफ और विश्व बैंक की रिपोर्टों ने 2023 में वैश्विक विकास में कमी की भविष्यवाणी की है, जिससे स्टार्टअप्स की तकनीकी खर्च और लाभप्रदता प्रभावित हुई है।
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यह भी छंटनी का बड़ा़ कारण रहा। गार्टनर डिजिटल लेबर मार्केट सर्वे 2023 नामक एक रिपोर्ट के अनुसार, कई कंपनियों ने महामारी के बाद बढ़ी मांग जारी रहने की उम्मीद में जरूरत से ज्यादा भर्ती की। हालांकि जब चीजें नॉर्मल हुईं तो इन स्टार्टअप्स को अपने कार्यबल में समायोजन की आवश्यकता महसूस हुई।
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