डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर में सत्ताधारी नेताओं के बीच बड़ी ही खतरनाक सियासत शुरू हो गई है। सियासत क्रेडिट वार से लेकर जालंधर में हनक कायम करने की है। जिससे सत्ताधारी AAP में गुटबंदी शुरु हो गई। जिसका नतीजा आज वडिंग पिंड में देखने को मिला है। यहां सत्ताधारी नेताओं के समर्थकों में जमकर मारपीट हुई है।
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जालंधर सैंट्रल हलके वडिंग पिंड में जनता दरबार का आयोजन विधायक रमन अरोड़ा के समर्थकों द्वारा आयोजित किया गया। इस जनता दरबार को हैप्पी वडिंग और उनके साथियों ने करवाया था। इसमें बतौर चीफ गेस्ट विधायक रमन अरोड़ा पहुंचे थे, लेकिन AAP के दूसरे नेता मनु वडिंग और उनके समर्थकों ने जमकर मारपीट की। आरोप है कि मनु वडिंग के सर्मथकों ने हैप्पी वडिंग के समर्थकों को पीट डाला।
ये गुटबंदी सत्ताधारी नेताओं को पहुंचा सकती है नुकसान
इस मारपीट की स्क्रिप्ट नई नहीं है, बल्कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़ कर AAP में शामिल हुए नेताओं ने उसी वक्त लिखी थी, जब वे चंडीगढ़ में AAP में शामिल हुए थे। लोकसभा चुनाव से पहले सुशील रिंकू ने कई कांग्रेसी कौंसलरों को AAP ज्वाइन करवाया था। चुनाव जीतने के बाद सांसद बने रिंकू ने कई और कांग्रेसी नेताओं और कौंसलरों को AAP में लेकर आए।
विधायक रमन के समर्थकों के पैरलर रिंकू ने वर्कर खड़े किए
तब यह चर्चा शुरू हो गई कि जालंधर सैंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा को बिना विश्वास में लिए सांसद सुशील रिंकू ने कांग्रेसी नेताओं और कुछ कौंसलरों को AAP ज्वाइन करवा दिया। जबकि जिन वार्डों से कांग्रेसी नेताओं को AAP में शामिल करवाया गया, वहां पहले से ही AAP के पुराने कद्दावर वर्कर काम कर रहे थे, जो विधानसभा चुनाव से पार्टी की रीढ़ की हड्डी बने हुए थे। जो विधायक रमन अरोड़ा की गुड लिस्ट में शामिल थे।
शीतल अंगुराल और रिंकू का 36 का आंकड़ा
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद सुशील रिंकू और जालंधर वेस्ट हलके के विधायक शीतल अंगुराल से 36 का आंकड़ा और बढ़ गया। यहां तक कि एक मामले में विधायक शीतल अंगुराल सीधे सोशल मीडिया पर लाइव होकर सांसद रिंकू को चुनौती भी दे डाली। हालांकि इसके बाद पार्टी ने डैमेज कंट्रोल शुरु किया और विधायक व सांसद को शांत करवाया।
सत्ताधारी AAP कई खेमे में बंट गई
अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सांसद और विधायकों के बीच फिर से तनातनी शुरू हो गई। हालत यह कि जालंधर में सत्ताधारी AAP कई खेमे में बंट गई है। एक खेमा विधायकों का है, दूसरा खेमा मंत्री को तीसरा खेमा खुद सांसद का है। ऊपर से एक शक्तिशाली महिला नेत्री का खेमा अलग से काम कर रहा है। हालांकि यह शक्तिशाली महिला नेत्री सभी खेमे को एकजुट करने में जुटी हुई हैं।
मनु वडिंग कभी राजिंदर बेरी के सबसे खासमखास
जालंधर सैंट्रल हलके के वडिंग पिंड में सत्ताधारी नेताओं और वर्करों के बीच हुई लड़ाई इसी खेमेबाजी का नतीजा है। कांग्रेसी नेता और कालोनाइजर मनु वडिंग एक समय में पूर्व विधायक राजिंदर बेरी के सबसे खासमखास रहे। सत्ता परिवर्तन के बाद मनु वडिंग जब AAP में आने की कोशिश की तो उन्हें सफलता नहीं मिली।
मनु वडिंग और हैप्पी वडिंग में जमकर लड़ाई
लोकसभा चुनाव के बाद सांसद बने सुशील रिंकू ने AAP में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अपने कांग्रेसी नेताओं को AAP में जोड़ना शुरू कर दिया। इसी क्रम में सांसद सुशील रिंकू ने मनु वडिंग को AAP में शामिल करवा कर विधायक रमन अरोड़ा के समर्थक हैप्पी वडिंग के समानांतर खड़ा कर दिया। जिससे इस वार्ड में AAP दो खेमे में बंट गई। एक खेमा कांग्रेस छोड़ AAP में आए मनु वडिंग का हुआ तो दूसरा खेमा पुराने वर्कर हैप्पी वडिंग का।
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आज जब वडिंग में विधायक का जनता दरबार चल रहा था, तो कांग्रेस छोड़ AAP में मनु वडिंग का खेमा उग्र हो गया। हैप्पी वडिंग का आरोप है कि सरकार के कामकाज को जानबूझकर कांग्रेस छोड़ AAP में आए मनु वडिंग और उनके समर्थकों ने खराब किया। उधर, इस संबंध में मनु वडिंग से जब बात करना चाहा तो उन्होेंने जवाब नहीं दिया।
नुकसान किसे होगा
जालंधर में सत्ताधारी पार्टी में बढ़ रही गुटबंदी और लड़ाई के बीच AAP को नुकसान हो सकता है। इसका ताजा नुकसान लोकसभा चुनाव में AAP को उठाना पड़ सकता है। क्योंकि अगले दो महीने में लोकसभा चुनाव आने वाला है। 6 महीने पहले बाई इलेक्शन में दिल्ली और पंजाब की सरकार ने मिलकर जालंधर में सुशील रिंकू को सांसद बनाया था, लेकिन इस बार हर सीट पर सरकार जोर लगाएगी। जिससे जालंधर में गुटबाजी के कारण सांसद सीट का नुकसान हो सकता है।