डेली संवाद, बंगाल। Sandeshkhali Case: इन दिनों पश्चिम बंगाल के संदेशखाली (Sandeshkhali) में बवाल मचा हुआ है। दरसअल भाजपा ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) पर संदेशखाली की महिलाओं के साथ शोषण करने के आरोप लगाए है।
जिसके बाद वहां बवाल मच गया है और इसके साथ ही भाजपा द्वारा जमकर प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके साथ ही भाजपा ने पूरे सूबे में इस मामले में सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोलना शुरू कर दिया है। वहीं इसी बीच भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प होने की भी खबर सामने आ रही है।
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बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं संदेशखाली में यौन शोषण का शिकार हुई महिलाओं से मिलने जा रहे थे जिसके कारण उन्हें गेस्ट हाउस में ही रोक लिया गया लेकिन उसके बाद दूसरे दिन वह संदेशखाली जाने लगे तो उन्होंने दोबारा रोक लिया गया। जिसके बाद पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई।
गांव में धारा 144 लगाई गई
बताया जा रहा है कि मीडिया, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता किसी को संदेशखाली में जाने की इजाजत नहीं है। इस गांव में धारा 144 लगाई गई और चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगाई गई है। इस गांव में शाहजहां शेख, उसके दो चेलों उत्तम सरदार और शिबू हाजरा के आतंक फिल्मों के विलेन जैसा है।
मीटिंग के नाम पर ऑफिस में रात के 12 बजे बुलाते
इन नेताओं पर जबरन जमीन पर कब्जा करने, बिना पैसे की मजदूरी कराने, मेहनताना मांगने पर पिटाई और महिलाओं से रेप जैसे आरोप हैं। दहशत इस कदर है कि शाम ढलने के बाद गांव की महिलाएं अपने घर से नहीं निकलती हैं। कहा जा रहा है कि ये सभी महिलाओं को पार्टी की मीटिंग के नाम पर अपने ऑफिस में रात के 12 बजे बुलाते है।
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वहीं दूसरी तरह तृणमूल ने भाजपा के सभी आरोपों को नकार दिया है। पार्टी ने कहा कि भाजपा हिंसा को भड़काने का काम कर रही है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ये आरोप निराधार हैं। भाजपा इन हालात में कानून-व्यवस्था बिगाड़ रही है। वहीं महिलाओं से रेप के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को संज्ञान लिया था। कोर्ट ने महिलओं से रेप और उनकी जमीनें हड़पने के मामले में ममता सरकार से 20 फरवरी तक जवाब मांगा है।
जाने कौन है शाहजहां शेख?
42 साल का शाहजहां शेख उत्तर 24 परगना में ‘भाई’ के नाम से मशहूर है। उसके इशारे पर ही राशन घोटाले की जांच करने पहुंची ईडी और सीआरपीएफ टीम पर हमला हुआ था। शाहजहां शेख ने 2004 में ईंट भट्ठा यूनियन से अपनी राजनीति में शुरू की। सीपीआई(एम) ने उसे यूनियन लीडर बना दिया। फिर उसने कई धंधों में हाथ आजमाया। जमीन की खरीद फरोख्त और सूद पर पैसे देने के कारोबार में उसने तरक्की की। 2011 में उसने सीपीएम छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिया।
धीरे-धीरे शाहजहां शेख टीएमसी के दिग्गज नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी बन गया। इसके बाद सत्ता के गलियारे और प्रशासन में उसकी धमक बढ़ गई। आरोप है कि 2018 में ग्राम पंचायत के उप प्रमुख बनने के बाद उसने जमीन हड़पने का अभियान शुरू कर दिया। महिला आयोग के अनुसार, उसके इशारे पर महिलाओं का शारीरिक उत्पीड़न किया गया। ईडी टीम पर हमले के बाद से टीएमसी नेता शाहजहां शेख फरार है। ईडी ने उसके खिलाफ आउटलुक नोटिस जारी कर रखा है।