टोरंटो (कनाडा)। Jobs in Canada: विदेश में पढ़ाई (Study in Abroad) के बाद नौकरी (Job in Abroad) की हसरत लाखों भारतीय युवाओं के मन में होती है। खासकर पंजाब और गुजरात के युवा कनाडा जाने के लिए परेशान हैं। कनाडा में पढ़ने और नौकरी के लिए पंजाब और गुजरात के युवा संवैधानिक और गैर संवैधानिक दोनों तरह के रूट अपनाते हैं। हाल तो यह है कि पंजाब में कनाडा भेजने के नाम पर ठगी के मामले रोज सामने आ रहे हैं।
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कनाडा में पढ़ाई और नौकरी पाने की चाहत पर आपकी छोटी सी गलती पानी फेर सकती है। एक छोटी सी गलती के कारण आपका वीजा बार-बार रद्द हो जाता है। ऐसी स्थिति में नौजवानों को एक ऐसे शख्स की तलाश होती है, जो न केवल वीजा दाखिल करने की प्रक्रिया में उनकी मदद कर दे, बल्कि उन्हें आसानी से उनके सपनों के देश का वर्क वीजा भी दिला दे।
वर्क वीजा न सही, विजिट वीजा मिलेगा
स्थिति यह है कि किसी कारणवश वर्क वीजा नहीं मिल पाया, तो कोशिश यह रहती है कि किसी तरह से विजिट वीजा ही मिल जाए, जिसकी मदद से वह कनाडा की सीमा में दाखिल हो अपने बेहतर जीवन के लिए कुछ कर सकें।
गुजरात, पंजाब, हरियाणा सहित देश के तमाम राज्यों में मौजूद एजेंट्स के पास नौजवानों की इन सभी परेशानियों का इलाज है। इन सभी एजेंट्स ने हर समस्या के हिसाब से उसकी फीस भी निर्धारित कर रखी है। मसलन आपको कनाडा में नौकरी चाहिए या फिर वीजा फाइनेंस करने के लिए इंट्रोड्यूसर, इन एजेंट्स के पास हर तरह की सुविधा उपलब्ध रहती है और हर सुविधा के लिए अलग फीस निर्धारित है।
एजैेंट के फ्राड से रहें सावधान
चलिए आज हम इस स्टोरी में आपको बताते हैं कि किस तरह ये एजेंट विदेश जाने के इच्छुक नौजवानों तक पहुंचते हैं। किस तरह नौजवानों एवं उनके परिजनों का भरोसा हासिल कर लाखों रुपए की फीस वसूली जाती है। कई बार तो एजैंट उनके साथ फ्राड भी कर जाते हैं।
गांवों में ट्रैवल एजैंट के दलाल फैले हैं
पंजाब और गुजरात की बात करें तो यहां पर विदेश जाने के नाम पर नौजवानों के बीच होड़ सी लगी हुई। इन नौजवानों को अपने जाल में फंसाने के लिए ट्रैवल एजेंट्स ने लगभग सभी गांवों में अपने दलाल फैला रखे हैं, जो कमीशन के आधार पर काम करते हैं।
वीजा फाइनेंस के नाम पर इनके चंगुल में फंस जाते
इन दलालों का काम ऐसे लोगों की पहचान करना होता है, जो विदेश जाने के इच्छुक हैं। बाद में, यही दलाल इन नौजवानों से मिलकर उनके विदेश जाने के अरमानों को पंख लगा देते हैं। चूंकि इन नौजवानों को खुद पता होता है कि उनके पास विदेश जाने की कोई योग्यता नहीं होती, लिहाजा वे वीजा फाइनेंस के नाम पर इनके चंगुल में फंस जाते हैं।
वीजा के नाम पर वसूले जाते हैं लाखों रुपए
ट्रैवल एजेंट्स युवाओं को जाल में फंसाते हैं। फंसने वाले नौजवान को पहले ही बताया जाता है कि वे किसी भी कीमत पर जायज तरीके से कनाडा पहुंचने की योग्यता नहीं है। उन्हें IELTS और पीयरसन टेस्ट (PTE) पास करने में पूरी जिंदगी लग जाएगी।
जब नौजवान पूरी तरह से कंविंस हो जाता है, तब उसे विजिट वीजा के जरिए कनाडा में दाखिल होने और वहां रोजगार हासिल करने के तरीके के बारे में बताया जाता है। आखिर में, वीजा इंट्रोड्यूसर की व्यवस्था करने के नाम पर मोटी रकम बता दी जाती है। फिलहाल जो मामले सामने आए हैं उनमें एजेंट्स ने कनाडा भेजने के नाम पर 40 से 50 लाख रुपए की मांग की है।
ट्रैवल एजैंट ऐसे फंसाते है
कनाडा जाने के लिए 40 से 50 लाख की कीमत सुनने ही लगभग सभी नौजवानों के होश उड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में, एजेंट्स उनको किस्तों में रुपयों का पेमेंट देने के लिए कहते हैं। पूरी तरह से अपने जाल में फंसाने के लिए एजेंट्स पहली किस्त के तौर आठ से दस लाख रुपए की मांग करते हैं।
भरोसा पुख्ता करने के लिए पेमेंट का एक हिस्सा बैंक एकाउंट में लिया जाता है और बाकी का कैश में। इसके अलावा, बाकी बची राशि का भुगतान कनाडा में नौकरी मिलने के बाद किस्तों में करने के लिए कहा जाता है। ये सब बातें इतनी प्रभावी होती हैं कि नौजवान बेहद आसानी से एजेंट्स पर भरोसा कर अपना सबकुछ लुटा देते हैं।
कनाडा पहुंचते हैं क्या ये लोग
ज्यादातर केस में अवैध तरीके से कनाडा जा रहे नौजवान भारतीय एयरपोर्ट पर ही पकड़ लिया जाता है और इनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर सलाखों के पीछे भेज दिया जाता है। वहीं कुछ केस में कुछ नौजवान टूरिस्ट वीजा पर कनाडा जाने में सफल हो जाते हैं और वहां गैर कानूनी तरीके से काम करने लगते हैं।
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ऐसे लोगों को कनाडा की सुरक्षा एजेंसी डिपोर्ट कर भारत भेज देती है। इस तरह, विदेश जाने की चाहत में ये नौजवान न केवल अपना सबकुछ गंवा देते हैं, बल्कि सलाखों से घर तक पहुंचने के सफर में सालों खर्च कर देते हैं।