डेली संवाद, नई दिल्ली। Amrit Bharat Railway Stations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और भारतीय रेलवे पर 1500 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज की आधारशिला रखी। इन पर करीब 19 हजार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है।
स्टेशन का रंग-रूप बदलने की तैयारी
रेल मंत्रालय ने “अमृत भारत स्टेशन” योजना नामक एक नीति पेश की है, जिसके तहत देशभर के कुल 1309 रेलवे स्टेशनों का आधुनिक तरीके से पुनर्विकास किया जाना है।
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इस योजना का उद्देश्य यात्रियों के रेलवे सफर को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना और उनके अनुभव को पहले से कई अधिक बेहतर बनाना है। इस योजना में प्रत्येक स्टेशन की दीर्घकालिक आवश्यकताओं और उसके यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इसके बाद रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा।
ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इस योजना के तहत यात्रियों को किस तरह की और कितनी सुविधाएं मिलेंगी। लोगों के सभी सवालों का जवाब देने के लिए सरकार की ओर से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई है, जिसमें स्टेशन में होने वाले बदलाव और विकास के बारे में जानकारी दी गई है।
यात्रियों को मिलेंगी कई बेहतरीन सुविधाएं
- स्टेशन की मौजूदा संरचनाओं, खासकर प्रवेश द्वारों को पहले से आकर्षक बनाया जाएगा।
- यात्रियों की सुविधा और भविष्य में होने वाले विकास के लिए जगह को रिजर्व करने के लिए पुरानी इमारतों को स्थानांतरित किया जाएगा।
- जिस स्टेशन पर संभव होगा, वहां पर नए भवन को बनाने से ज्यादा पुरानी संरचना में ही सुधार किया जाएगा।
- स्टेशनों पर प्रतीक्षा कक्ष (Waiting Hall) के साथ ही कैंटीन (Cafeteria) और अन्य खान-पान की सुविधाएं रखी जाएंगी।
- प्रत्येक स्टेशन पर ‘One Station One Product’ के दो स्टॉल लगाने की जगह को रिजर्व रखा जाएगा।
- स्टेशन पर बिजनेस मीटिंग्स के लिए सुविधाजनक और आरामदायक लाउंज बनाए जाएंगे।
- स्टेशन पर हर जगह आसान भाषाओं वाले होर्डिंग्स और साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि यात्री अपनी सुविधा के मुताबिक जानकारी हासिल कर सकें।
- सभी स्टेशनों के पाथवे को पहले से अधिक चौड़ा किया जाएगा।
- स्टेशनों पर लिफ्ट, स्वचलित पाथवे, पार्किंग और रोशनी की बेहतर व्यवस्था की जाएगी।
- स्टेशन को पोस्टर, तस्वीर, मूर्तियों, कलाकृतियों और पौधों द्वारा सजाया जाएगा।
- स्टेशन पर स्थानीय कला की झलक प्रस्तुत करती तस्वीरें और कलाकृतियां लगाई जाएंगी।
- प्लेटफॉर्म लाइनों और ट्रेन रखरखाव सुविधाओं पर उच्च-स्तरीय प्लेटफॉर्म और गिट्टी वालो ट्रैक स्थापित किए जाएंगे।
- सेल्फ-क्लीनिंग नालियां होंगी, जिन्हें खूबसूरत तरीके से डिजाइन किए गए कवर के साथ कवर किया जाएगा, जो जल निकासी का रास्ता होगा।
- स्टेशन पर लगे केबलों को खूबसूरत डिजाइन के साथ कवर किया जाएगा।
- यात्रियों के लिए फ्री वाई-फाई सुविधा और भविष्य में 5G नेटवर्क के लिए टावर की स्पेस रिजर्व किया जाएगा।
- स्टेशन पर अत्यधिक टिकाऊ, डस्ट-प्रूफ और कम रखरखाव वाली सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।
- वेटिंग हॉल, प्लेटफॉर्म, रिटायरिंग रूम और कार्यालयों में आरामदायक और टिकाऊ फर्नीचर लगाए जाएंगे।
- सार्वजनिक घोषणा प्रणालियों (Public Announcement System) में सुधार किया जाएगा।
- कुछ स्टेशनों पर स्वचालित सीढ़ियां (Escalators) स्थापित किए जाएंगे।
- रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार दिव्यांगजनों (विकलांग लोगों) के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।
- महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए अलग प्रावधानों के साथ पर्याप्त संख्या में शौचालय बनाए जाएंगे।
‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ का उद्देश्य
- रेलवे स्टेशनों के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं (MAE) की सुविधाओं समेत विभिन्न सुविधाओं को अलग-अलग चरणों में लागू करना।
- भविष्य को मद्देनजर रखते हुए स्टेशनों पर रूफ प्लाजा और सिटी सेंटर का निर्माण होगा।
- हितधारकों की जरूरतों और स्टेशन उपयोग अध्ययनों पर नई सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
- मौजूदा सुविधाओं को पहले से बेहतर बनाया जाएगा और साथ ही, यात्रियों के लिए नई सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि उनके लिए स्टेशन पर इंतजार करना एक बेहतर अनुभव बने।
किस राज्य में कितने स्टेशन शामिल?आंध्र प्रदेश में 72
- अरुणाचल प्रदेश में 01
- असम में 49
- बिहार में 86
- छत्तीसगढ़ में 32
- दिल्ली में 13
- गोवा में 02
- गुजरात में 87
- हरियाणा में 29
- हिमाचल प्रदेश में 03
- झारखंड में 57
- कर्नाटक में 55
- केरल में 34
- मध्य प्रदेश में 80
- महाराष्ट्र में 123
- मणिपुर में 01
- मेघायल में 01
- मिजोरम में 01
- नगालैंड में 01
- ओडिशा में 57
- पंजाब में 30
- राजस्थान में 82
- सिक्किम में 01
- तमिलनाडु में 73
- तेलंगाना में 39
- त्रिपुरा में 04
- चंडीगढ़ में 01
- जम्मू-कश्मीर में 04
- पुडुचेरी में 03
- उत्तर प्रदेश में 149
- उत्तराखंड में 11
- पश्चिम बंगाल में 94
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