डेली संवाद जालंधर। IKGPTU News: आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (IKGTU ) में नेशनल साइंस डे के उपलक्ष्य में “विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक” विषय पर कुलपति प्रो (डॉ) सुशील मित्तल के नेतृत्व में दो अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए।

पहला कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के श्री गुरू नानक देव जी ऑडिटोरियम में विद्यार्थी भलाई विभाग के एन.एस.एस विंग की तरफ से आयोजित हुआ, जिसमें डा.बी.आर.अम्बेडकर नेशनल इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (एन.आई.टी) जालंधर के डायरेक्टर प्रो (डॉ) बिनोद कुमार कनौजिया मुख्यातिथि रहे।
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दूसरा कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के सिविल विभाग की तरफ से आयोजित किया गया, जिसमें यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार डा एस.के.मिश्रा मुख्यातिथि रहे। यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो (डॉ) सुशील मित्तल ने साइंस डे पर विद्यार्थियों, फैकल्टी एवं स्टाफ़ के नाम प्रेरणादायक सन्देश भेजा। उन्होंने प्रतिदिन, हर गतिविधि में साइंस एवं जीवन ज्ञापन की बारीकियां समझाई।

मुख्य समारोह का आगाज़ मुख्यातिथि प्रो (डॉ) बिनोद कनौजिया के शमा रौशन करने के साथ हुआ। अपने सम्बोधन में प्रो (डॉ) बिनोद कनौजिया ने कहा कि बुनियादी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग सभी एक-दूसरे के सह-संबंध में हैं। उन्होंने सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन, भारतीय भौतिक विज्ञानी, को नमन करने के साथ उनके द्वारा अपने ग्रेजुएशन काल से ही विषय “प्रकाश प्रकीर्णन” पर लगातार काम करने की उधाहरण सांझी की।
डेडिकेशन एवं लगातार किए प्रयास अहम होते
प्रो (डॉ) बिनोद कनौजिया ने चद्रायण प्रोजेक्ट में सामान्य इंस्टीटूशन्स से पढ़े वैज्ञानिकों की कंट्रीब्यूशन को साँझा करते हुए प्रेरित किया कि संस्थान बड़े-छोटे नहीं होते बल्कि डेडिकेशन एवं लगातार किए प्रयास अहम होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रयासों में निरंतरता, विश्वसनीयता, अल्प योगदान से भी देश का नेतृत्व किया जा सकता है। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी मुख्य कैम्पस, अन्य कैम्पस एवं विभिन्न एफिलिएटेड कालेजों के सैकड़ों विद्यार्थियों ने एक्टिविटीज डेक्लामेशन, क्विज, पोस्टर मेकिंग इत्यादि में भाग लिया।
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दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में आयोजित कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डा.एस.के मिश्रा ने नवप्रवर्तन के बारे में, भारतीय विज्ञान के बारे में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के मिश्रण के बारे में अपनी बात रखी। उन्होंने आजादी से लेकर अब तक के बदलाव में साइंस के रोल का अवलोकन पेश किया। डॉ. मिश्रा ने अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर कोविड वैक्सीन तक में भारतीय विज्ञान की भूमिका के बारे आत्मा भारत से जुड़े विचार सांझे किए।

सिविल विभाग मुखी प्रो (डॉ) राजीव चौहान एवं टीम ने मिलकर पॉलिटेक्निक कालेजों की विभिन्न टीम्स के बीच साइंस से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट एवं प्रतियोगिताएं करवाईं। दोनों कार्यक्रम में डीन अकादमिक प्रो (डॉ) विकास चावला विशेष अतिथि रहे एवं उन्होंने विभिन्न साइंटिफिक उधहारणों से विद्यार्थियों को साइंस से जुड़कर रहने को प्रेरित किया। डीन आर एंड डी प्रो (डॉ) हितेष शर्मा ने बेहद उम्दा पी.पी.टी के जरिए कुदरत एवं विज्ञान के सुमेल को साँझा किया।
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