डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: भारतीय नौजवानों को ज़बरदस्ती रूसी मिलिट्री में भर्ती करके युक्रेन की जंग में भेजे जाने की मीडिया रिपोर्टों के चलते पंजाब के प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने यह मसला विदेश मंत्रालय और भारत में रूसी राजदूत के समक्ष उठाया है।
पंजाब विधान सभा में यह मुद्दा उठाते हुए धालीवाल ने कहा कि यह बड़ा गंभीर मामला है, जिसको जल्द हल किया जाना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इनमें से ज़्यादातर नौजवान पंजाब से सम्बन्धित हैं, जो विज़टर वीज़ा पर रूस गए थे, परन्तु उनको जबरन रूसी मिलिट्री में शामिल कर लिया गया।
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उन्होंने बताया कि इन में से एक की जंग के दौरान मौत हो गई थी। धालीवाल ने अपील की कि इन नौजवानों की घर वापसी के लिए योग्य मदद मुहैया करवाने के लिए बनती कार्यवाही की जाए। उन्होंने यह भी माँग की कि वीज़ा नियमों या इमीग्रेशन एक्ट का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध भी बनती कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों से पता लगा है कि इन नौजवानों को एजेंटों ने नौकरियों का झाँसा देकर रूसी फ़ौज में ‘हैलपर’ के तौर पर काम करने के लिए मजबूर किया।
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प्रवासी भारतीय मामलों संबंधी मंत्री ने यह भी माँग की कि जंग के दौरान मारे गए नौजवानों के पार्थिव शरीर को वापस लाया जाए। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में तुरंत दख़ल देने की माँग की। उन्होंने बताया कि भारत के सात नौजवान गगनदीप सिंह, लवप्रीत सिंह, नारायण सिंह, गुरप्रीत सिंह (21), गुरप्रीत सिंह (23) और अन्य युक्रेन के युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं।
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