डेली संवाद, नई दिल्ली। Air Passenger Traffic: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने कहा कि भारत में तेजी से हवाई यात्री यातायात की संख्या में तेजी देखने को मिल रही है। कोविड महामारी के बाद इनमें तेजी देखने को मिली है। इस आधार पर इस वित्तीय वर्ष में हवाई यात्रियों की संख्या 150-155 मिलियन तक पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि लगभग 8 से 13 फीसदी की तेजी हो सकती है।
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इक्रा ने अगले दो वित्तीय वर्षों के लिए एविएशन इंडस्ट्री के नेट लॉस में उल्लेखनीय कमी का अनुमान लगाया। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्री में निरंतर सुधार देखने को मिला है। ऐसे में इक्रा ने घरेलू विमानन उद्योग पर “स्थिर” दृष्टिकोण बनाए रखा है।
यातायात वृद्धि की गति जारी रहने की उम्मीद
रेंटिंग एजेंसी के वित्त वर्ष 2025 में भी यातायात वृद्धि की गति जारी रहने की उम्मीद है। इक्रा के रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात वित्त वर्ष 2023 में पूर्व-कोविड स्तर को पार कर गया, हालांकि यह वित्त वर्ष 2019 में देखे गए 25.9 मिलियन के चरम स्तर से पीछे था।
रेटिंग एजेंसी ने कहा चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 25-27 मिलियन यात्रियों के साथ इस स्तर को पार करने की उम्मीद है, इसमें 7-12 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
एटीएफ की कीमतों का पड़ता है असर
इक्रा में कॉर्पोरेट रेटिंग के उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने कहा विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में गिरावट और अपेक्षाकृत स्थिर विदेशी मुद्रा दरों के कारण अनुकूल स्थिति बने रहने की उम्मीद है।
इस प्रकार एविएशन उद्योग को वित्त वर्ष 2023 में 170-175 बिलियन रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 में 300-4,000 करोड़ रुपये (30-40 अरब रुपये) का काफी कम नेट लॉस होने का अनुमान है।
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एटीएफ की कीमतें और भारतीय रुपये-अमेरिकी डॉलर के उतार-चढ़ाव का एयरलाइंस की लागत संरचना पर बड़ा असर पड़ता है। वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-फरवरी अवधि में एटीएफ की औसत कीमत 103,547 रुपये/केएल थी, जो कि वित्त वर्ष 2023 में 120,978 रुपये/केएल की तुलना में 15 प्रतिशत की सालाना गिरावट है। बता दें कि एयरलाइंस के खर्च में ईंधन का हिस्सा करीब 30-40 फीसदी होता है।