डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab Vigilance: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने सिविल सर्जन (सेवामुक्त), रूपनगर डॉक्टर परमिंदर कुमार को अपने अधीन काम करने वाले डाक्टरों को नकद या किसी अन्य रूप में रिश्वत देने के लिए मजबूर करने के दोष के अतर्गत्त गिरफ़्तार किया है।
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यह प्रगटावा करते हुए आज यहां पंजाब विजीलैंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह केस डॉ. नरेश कुमार की ओर से मुख्यमंत्री भृष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर दर्ज करवाई गई शिकायत की पड़ताल उपरांत दर्ज किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि इस शिकायत की जांच दौरान विजीलैंस ब्यूरो ने यह पाया कि उपरोक्त सिविल सर्जन अपने अधीन डाक्टरों से रिश्वत लेने के लिए उनको बेवज़्हा कारण बताओ नोटिस जारी करके और डैपूटेशन के लिए अनअधिकारित आदेशों आदि के द्वारा तंग-परेशान करता था।
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पड़ताल दौरान यह भी पता लगा गया है कि मुलजिम ने 21.10.2021 तारीख़ को एक मीटिंग दौरान डॉक्टरों से रिश्वत माँगी थी, जिस उपरांत डाक्टर तरसेम सिंह ने उसे 10,000 रुपए भी दिए थे। इसके इलावा उपरोक्त मुलजिम ने डॉ. सतविंदर पाल और डॉ. विक्रांत सरोआ के ज़रिए 20-20 हज़ार रुपए रिश्वत भी ली और शिकायतकर्ता को उसके रिहायशी मकान का 2,764 रुपए का बिजली बिल भरने के लिए भी कहा।
उपरोक्त के इलावा डॉ. परमिंदर कुमार के नियमित खर्च किए उसकी तनख़्वाह के साथ मेल नहीं खाते। इस संबंधी थाना विजीलैंस ब्यूरो रेंज लुधियाना में डॉ. परमिंदर कुमार के विरूद्ध भृष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत एफ.आई.आर. नंबर 14, तारीख़ 15.03.2024 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है और मामले की आगे जांच जारी है।