डेली संवाद, नई दिल्ली। Safe Deposit Locker: हमारे पास कोई ना कोई ऐसी चीज जरूर होती है, जो हमें बेहद अजीज होती है। हम हर कीमत पर उसकी हिफाजत चाहते हैं। यह चीज कुछ भी हो सकती है, जैसे कि जमीन जायदाद से जुड़े दस्तावेज, गहने या फिर कुछ और। इन चीजों को बेहद सुरक्षित जगह पर रखना चाहते हैं। मतलब कि जहां परिंदा भी पर ना मार सके।
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अगर आप भी अपनी कीमती चीजों के लिए ऐसा ठिकाना खोज रहे हैं, तो बैंक लॉकर (Bank Locker) आपके काम की चीज हो सकती है। इसकी मजबूत सुरक्षा के चलते ही इसे सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker) भी कहा जाता है।
लॉकर के लिए कितना चार्ज करते हैं?
यह चीज काफी हद तक लॉकर की साइज और बैंक की लोकेशन पर निर्भर होती है। चार्ज भी बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होता है। मिसाल के लिए, देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI अपने स्मॉल लॉकर रेंट चार्ज के रूप में शहरी और मेट्रो ग्राहकों से 2000 रुपये +जीएसटी वसूलता है।
वहीं ग्रामीण और अर्ध-शहरी ग्राहकों के लिए यह रकम 1500 रुपये +जीएसटी हो जाती है। सबसे बड़े यानी एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर के लिए SBI शहरी और मेट्रो ग्राहकों से 12,000 रुपये +जीएसटी चार्ज करता है। ग्रामीण और अर्ध-शहरी ग्राहकों के लिए यह रकम 9,000 रुपये +जीएसटी है।
बैंक लॉकर में क्या रख सकते हैं, क्या नहीं?
बैंक लॉकर सिर्फ वैध काम के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। मतलब कि इसमें हथियार, विस्फोटक या फिर ड्रग्स कतई नहीं रखी जा सकती।
आप इसमें गहने और दस्तावेज जैसी कीमतें चीजें तो रख सकते हैं, पर कैश नहीं। अगर कोई सड़ने वाली चीज है, तो वह भी लॉकर में नहीं रखी जा सकती।
बैंक लॉकर की सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं?
बैंक लॉकर खोलने के लिए दो चाबियां लगती हैं। एक कस्टमर के पास होती है, दूसरी बैंक मैनेजर के पास। अगर आपको लॉकर खोलना है, तो दोनों चाबियां एकसाथ लगानी होंगी।
अगर चाबी खो गई तो?
चाबी खोने पर फौरन बैंक को जानकारी देनी होगी, साथ में FIR भी कराना होगा। इस सूरत में बैंक आपको लॉकर की डुप्लीकेट चाबी बनवाकर दे सकता है। लेकिन, इसमें लॉकर के मिसयूज होने का खतरा रहता है।
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दूसरी सूरत में बैंक आपके लॉकर तोड़कर सामान नए लॉकर में शिफ्ट कर देगा। लेकिन, लॉकर तोड़ने से मरम्मत तक सारा खर्च ग्राहक को उठाना पड़ सकता है।
क्या बैंक खुद लॉक तोड़ सकता है?
अगर किसी शख्स पर क्रिमिनल केस चल रहा, तो जांच के हिस्से के तौर पर उसके लॉकर को पुलिस की मौजूदगी में तोड़ जा सकता है। अगर लॉकर का लंबे वक्त तक रेंट नहीं चुकाया जाता या वह इन-ऑपरेटिव रहता है, तो भी बैंक उसे तोड़कर अपने रेंट की रिकवरी कर सकता है।