डेली संवाद, नई दिल्ली। Electoral Bond Case: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए एसबीआई को इसकी जानकारी चुनाव आयोग को सौपने का आदेश दिया था।
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जिसके बाद एसबीआई ने सारी जानकारी चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समय में उपलब्ध करा दी। वहीं, चुनाव आयोग ने एसबीआई की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड पर मिली जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें 1 मार्च, 2018 से लेकर 11 अप्रैल, 2019 तक बेचे गए सभी चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने की मांग की गई है।
साथ ही इस याचिका में कहा गया है कि मतदाता को इस योजना की शुरुआत के बाद से पूरी अवधि के लिए राजनीतिक दलों को कितने की फंडिंग मिली इसके बारे में सभी जानकारी को जानने के वह हकदार हैं।
SBI को चुनावी बांड का विवरण साझा करने का मिला निर्देश
सिटीजन राइट्स ट्रस्ट द्वारा दायर एक नए आवेदन में कहा गया है कि मार्च 2018 से अप्रैल 2019 के बीच 4,002 करोड़ रुपये के 9,159 बांड बेचे गए हैं, जिसका भी खुलासा किया जाना चाहिए।
याचिका में एसबीआई को 1 मार्च, 2018 से 11 अप्रैल, 2019 तक बेचे और भुनाए गए चुनावी बांड का विवरण साझा करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिसमें अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर, खरीद की तारीख, मूल्यवर्ग, दानदाताओं और पार्टियों के नाम शामिल हैं।
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याचिका में कहा गया है, “चुनाव आयोग के मंच पर उपलब्ध डेटा कुल बांड के केवल 76 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है और मतदाताओं को शेष 24 प्रतिशत चुनावी बांड के विवरण के बारे में जानकारी नहीं है।”