डेली संवाद, पटना। Pashupati Kumar Paras: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में दल बदल और पार्टी छोड़ कर दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) को ‘धोखा’ देने वाले चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) इन दिनों अकेले पड़ गए हैं।
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एक तरफ जहां उनके विपक्षी खेमा जॉइन करने की अटलें लगाई जा रही थी तो अब कहा जा रहा है कि उनके लिए विपक्ष का रास्ता भी बंद है। राजद नेता सुनील सिंह ने उन्हें ‘फूके हुए कारतूस और फ्यूज बल्ब’ करार दिया है।
बबूल का पेड़ लगाया था तो आम कहां से पाएंगे
सुनील सिंह ने कहा कि पशुपति पारस के पास अब वोट नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि ‘अपने भतीजे चिराग पासवान के साथ उन्होंने गद्दारी की थी, तो आज उसी का परिणाम वह भुगत रहे हैं। इन्होंने बबूल का पेड़ लगाया था तो आम कहां से पाएंगे।
राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह के इस बयान से ऐसा माना जा रहा है कि महागठबंधन में पशुपति कुमार पारस को जगह मिलना मुश्किल है। महागठबंधन के नेता मान चुके हैं कि पशुपति कुमार पारस के साथ पासवान समाज का वोट बैंक अब नहीं बचा है।
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सुनील सिंह ने कहा कि सभी सांसदों को लेकर वह बीजेपी में चले गए थे। अब उनके साथ ही उल्टा खेल हो गया। यह बबूल का पेड़ लगाएंगे तो इन्हें आम कहां से मिलेगा। इनका जो परिणाम हुआ है वो तो होना ही था। इतना ही नहीं सुनील कुमार सिंह ने कहा की पशुपति कुमार पारस ‘फूके हुए कारतूस हैं, ये लोग फ्यूज बल्ब हैं और इनके पास अब वोट बैंक नहीं है।