डेली संवाद, नई दिल्ली। Arvind Kejriwal: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। सूत्रों की मानें तो केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जासूसी का मामला दर्ज करने पर भी विचार कर रही है।
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सूत्रों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के घर से गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों को 150 पन्नों का एक दस्तावेज़ मिला है। इस दस्तावेज़ में ED के दो वरिष्ठ अधिकारियों की डेढ़ सौ पन्ने की डिटेल रिपोर्ट है।
ये जो दो अधिकारी हैं दोनों अधिकारी ज्वॉइंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी हैं। इतने सीनियर अधिकारियों के बारे में 150 पन्नों की जानकारी अरविंद केजरीवाल ने क्यों इकट्ठी की? क्या ये ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से जासूसी का मामला नहीं है?
एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज और स्पेशल डायरेक्टर सत्यव्रत पर नजर रख रहे थे- केजरीवाल
सूत्रों की मानें तो केजरीवाल शराब घोटाले की जांच कर रहे अधिकारी एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज और स्पेशल डायरेक्टर सत्यव्रत पर नजर रख रहे थे।
केजरीवाल घर से कपिल राज और सत्यव्रत का डोजियर बना रहे थे, दोनों अधिकारी क्या-क्या करते हैं, कौन-कौन कौन से केस हैं, दोनों की कितनी प्रॉपर्टी है। इन सबका पूरा ब्योरा केजरीवाल ने बनाया हुआ था। ईडी ने सभी दस्तावेज सीज कर लिये हैं। ईडी इस समय सख्त एक्शन के मूड में नजर आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा कारणों से दोनों अधिकारियों की पहचान गुप्त रखी गई है। जांच एजेंसी ने आधिकारिक पंचनामा में दस्तावेज को दर्ज किया है। एक अफसर संयुक्त निदेशक स्तर के हैं। वर्तमान में वो कथित एक्साइज पॉलिसी घोटाले की जांच में शामिल हैं।
केजरीवाल को निचली अदालत में पेश किया गया
ईडी ने शुक्रवार को एक निचली अदालत से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 10 दिन की हिरासत का अनुरोध करते हुए कहा कि वह शराब घोटाले के मामले में अन्य मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ ‘मुख्य साजिशकर्ता’ थे।
आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लिए जाने के तुरंत बाद केजरीवाल को निचली अदालत में पेश किया गया।
ईडी ने राउज एवेन्यू अदालत में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा से कहा कि केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने और उसे लागू करने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत के तौर पर कई करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
साउथ लॉबी को पहुंचाया फायदा
एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने अदालत में कहा कि केजरीवाल ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ के कुछ आरोपियों से 100 करोड़ रुपये मांगे थे।
उन्होंने कहा कि धन के लेनदेन से पता चला कि गोवा चुनाव में इस्तेमाल की गई 45 करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ चार हवाला मार्गों से आई थी। राजू ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से आरोपियों और गवाहों के बयानों की पुष्टि हुई है। आम आदमी पार्टी संयोजक को कड़ी सुरक्षा के बीच अपराह्न करीब दो बजे अदालत के समक्ष पेश किया गया।
इसके बाद एएसजी राजू ने अदालत से कहा, ‘‘हमने 10 दिन की रिमांड के लिए आवेदन दिया है।” उन्होंने कहा कि ‘आप’ एक व्यक्ति नहीं बल्कि ‘कंपनी’ है और ‘‘कंपनी” के आचरण के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
केजरीवाल के वकील ने किया गिरफ्तारी का विरोध
केजरीवाल का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी की शक्ति, गिरफ्तारी की आवश्यकता के समतुल्य नहीं है और केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने की आवश्यकता नहीं थी। सिंघवी ने कहा, ‘‘इस मामले में महत्वपूर्ण न्यायिक विवेक के इस्तेमाल की जरूरत है, इसमें लोकतंत्र के बड़े मुद्दे शामिल हैं।”
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केजरीवाल का पक्ष रख रहे अन्य वकील विक्रम चौधरी ने अदालत से कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय न्यायाधीश, जूरी, सजा की तामील करने वाला बन गया है।” उन्होंने कहा कि वह सुनवाई अदालत के समक्ष रिमांड कार्यवाही का विरोध करेंगे और उसके बाद एक अन्य याचिका के माध्यम से फिर सर्वोच्च न्यायालय में आएंगे।