डेली संवाद, पटियाला। Lok Sabha ELection 2024: पटियाला संसदीय सीट (Patiala Lok Sabha) पंजाब (Punjab) की उन चुनिंदा सीटों में से एक है, जिसके लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं। इनमें भाजपा के लिए परनीत कौर, कांग्रेस के लिए डा. धर्मवीर गांधी, अकाली दल के लिए एनके शर्मा और आम आदमी पार्टी के लिए डा. बलबीर सिंह चुनावी मैदान में हैं। चूंकि इस बार अकाली दल और भाजपा के बीच गठबंधन नहीं हुआ तो इस कारण मुकाबला चौकोना है।
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चुनावी मैदान में चार विभिन्न पार्टियों के होने के कारण मुकाबला चौकोना नहीं बल्कि मौजूदा राजनीतिक समीकरणों मुताबिक किसी एक उम्मीदवार को स्पष्ट रूप से बढ़त मिलती दिखाई नहीं दे रही। कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाली परनीत कौर को मौजूदा समय में तो ग्रामीण इलाकों में किसान वर्ग के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
अकाली ने हिन्दू नेता को बनाया चेहरा
अकाली उम्मीदवार एनके शर्मा अपनी पार्टी की किसी गुटबंदी से परे हैं लेकिन इस संसदीय सीट के नौ हलकों में से महज डेराबस्सी हलका में ही विशेष आधार होना उनके लिए सीट के बाकी एरिया में हालात कठिन बना देता है। यहां शर्मा को खूब पसीना बहाना होगा।
11 बार कांग्रेस ने चुनाव जीता
कांग्रेस का गढ़ रहे पटियाला लोकसभा हलके की बात करें, तो 1952 से अब तक यहां 17 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 11 बार कांग्रेस अपनी जीत का परचम फहरा चुकी है। कांग्रेस के राम प्रताप गर्ग 1952 में यहां से पहले सांसद थे। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर यहां से चार बार सांसद रह चुकी हैं।
सबसे पहले वह 1999 में पटियाला से लोकसभा चुनाव जीती थीं और इसके बाद 2004, 2009 और फिर 2019 में चुनी गईं। पटियाला लोकसभा हलके में 9 विधानसभा क्षेत्र राजपुरा, घन्नौर, सन्नौर, पटियाला (शहरी), पटियाला (देहाती), नाभा, समाना, शुतराणा व डेराबस्सी पड़ते हैं। इस समय सभी हलकों में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के विधायक हैं।
कांग्रेस छोड़ने के बाद परनीत कौर भाजपा में
पटियाला सीट पर चुनावी समीकरण बदले हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद परनीत कौर भाजपा में हैं। हालांकि, इस बार परनीत के लिए जीत की राह पहले के मुकाबले चुनौतीपूर्ण है। एक तरफ उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान सभी विस हलकों में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
उधर टकसाली भाजपाई भी परनीत के चुनाव प्रचार से गायब हैं, जो उन्हें टिकट मिलने से नाराज हैं। पूर्व कैप्टन सरकार की ओर से अपने चुनावी वादों पर खरा न उतरने का गुस्सा भी अब तक लोगों में है, लेकिन परनीत कौर का पटियाला के लोगों में खासा प्रभाव है, जिसका उन्हें लाभ मिल सकता है।
डॉ. धर्मवीर गांधी ह्रदय रोग विशेषज्ञ हैं
कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी ह्रदय रोग विशेषज्ञ हैं और साफ-सुथरी शख्सियत के नेता माने जाते हैं। उनका शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ गांवों के लोगों में राजनेता के साथ-साथ एक डाॅक्टर के खासा प्रभाव है, लेकिन अपनों का विरोध उनके चुनाव प्रचार पर असर डाल सकता है।
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भाजपा से गठजोड़़ की संभावनाएं खत्म होने के बाद अकाली दल ने यहां से हिंदू चेहरा एनके शर्मा को टिकट दी है। डेराबस्सी के पूर्व विधायक शर्मा को पटियाला के लोग ज्यादा नहीं जानते हैं। हालांकि, पार्टी के आदेशों पर वह पिछले कुछ समय से पटियाला में सक्रिय थे। शर्मा के जरिये अकाली दल की हिंदू वोट बैंक भुनाने की कोशिश रहेगी।
एंटी इंकबेंसी वाला फैक्टर नुकसान भी पहुंचा सकता
उधर आप प्रत्याशी डा. बलबीर के लिए चाहे सीट के सभी नौ विधानसभा सीटों पर आप विधायक होना फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन एंटी इंकबेंसी वाला फैक्टर नुकसान भी पहुंचा सकता है। ऐसे में इस संसदीय सीट पर अंतिम परिणाम काफी नजदीकी रहने की संभावना है।