डेली संवाद, नई दिल्ली। Reliance Industries: देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Limited-RIL) ने सोमवार को मार्च तिमाही के नतीजे जारी किये थे। इस नतीजे में कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष के अंत में उनका ग्रोस रेवेन्यू 10 लाख करोड़ रुपये हुआ था। यह साल दर साल के हिसाब से 2.6 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है।
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कंपनी के कंज्यूमर बिजनेस और अपस्ट्रीम बिजनेस में जारी ग्रोथ से कंपनी को लाभ हुआ है। जियो प्लेटफॉर्म (Jio Platform) के राजस्व में साल-दर-साल 11.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस वृद्धि की वजह ग्राहकों की संख्या में आई तेजी और ARPU (Average Revenue Per Unit) की मजबूती है।
जारी ग्रोथ से कंपनी को लाभ हुआ
कंपनी के कंज्यूमर बिजनेस और अपस्ट्रीम बिजनेस में जारी ग्रोथ से कंपनी को लाभ हुआ है। जियो प्लेटफॉर्म (Jio Platform) के राजस्व में साल-दर-साल 11.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस वृद्धि की वजह ग्राहकों की संख्या में आई तेजी और ARPU (Average Revenue Per Unit) की मजबूती है।
गतिशीलता और घरों में 42.4 मिलियन की मजबूत ग्राहक वृद्धि और ARPU में मिश्रित सुधार के लाभ के कारण, Jio प्लेटफ़ॉर्म के राजस्व में साल-दर-साल 11.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
वसूली के कारण 5 प्रतिशत कम
रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) की ग्रोथ में साल-दर-साल 17.8 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। कंपनी का O2C राजस्व मुख्य रूप से ब्रेंट कच्चे तेल की औसत कीमतों में 13.5 प्रतिशत की साल-दर-साल गिरावट के बाद कम उत्पाद मूल्य वसूली के कारण 5 प्रतिशत कम हो गया।
आरआईएल ने एक बयान में कहा कि उच्च मात्रा से इसकी आंशिक भरपाई हुई। KG D6 block से कम गैस मूल्य प्राप्ति के बावजूद ऑयल एंड गैस सेगमेंट से राजस्व में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
तिमाही नतीजे पर टिप्पणी करते हुए, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, मुकेश डी. अंबानी ने कहा
आरआईएल के बिजनेस की पहल ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टर के विकास को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। यह जानकर खुशी हो रही है कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ, सभी सेक्टर ने मजबूत वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन दर्ज किया है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि कंपनी को कई उपलब्धियां हासिल करने में मदद मिली है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस साल रिलायंस प्रॉफिट-आफ्टर टैक्स में 100,000 करोड़ रुपये की सीमा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई।
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सभी बिजनेस के मजबूत योगदान से EBITDA साल-दर-साल 14.3 प्रतिशत बढ़कर 47,150 करोड़ रुपये ($5.7 बिलियन) हो गया। बता दें कि तिमाही नतीजों के साथ ही कंपनी ने 10 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड देने की घोषणा की।